मोदी स्टाइल में चली सरकार तो नहीं लगेगी तबादलों की झड़ी

Update: 2017-03-20 20:26 GMT
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सभी विभागों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए। 

लखनऊ। यूपी की अफसरशाही के लिए सरकार का पहला दिन आने वाले पांच साल के लिए एक बड़ा संदेश बन कर आया। जिस तरह से पूरे दिन अफसरों को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सांस नहीं लेने दी और उनके लिए तीन बड़े फरमान जारी कर दिये, उससे अफसर सकते में हैं। जो अधिकारी अब तक अच्छी पोस्टिंग की गोटियां सेट करने में लगे हुए थे, अब वे फिलहाल दिये गये निर्देशों के पालन में जुट गए हैं।

सबसे ज्यादा परेशानी का सबब संपत्ति संबंधित आदेश से होने वाली है। 15 दिन के भीतर संपत्ति का ब्योरा देना होगा। मगर जो आय से अधिक संपत्ति के मामलों में घिरे हैं, वे क्या करेंगे। इसके अलावा अब मुख्य सचिव स्तर पर बदलाव की आहट को भी महसूस किया जा रहा है। मगर कहा जा रहा है कि मोदी स्टाइल में काम हुआ तब अफसरशाही में कोई खास बड़े बदलाव नहीं होंगे।

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सीएम ने कुछ अफसरों से आमने सामने मुलाकात की, जबकि कुछ विभागों के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी मिले। सभी के लिए स्पष्ट संदेश। बेहतर काम, ईमानदारी, तत्परता और तेजी। इसी मंत्र के जरिये आगे बढ़े तो ठीक वरना एक्शन का विकल्प। यहां तक की भाजपा नेताओं के दबाव को भी न सहने के लिए कह दिया गया है।

मुख्य सचिव बनने के लिए लाबिंग का आगाज

अफसरशाही से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव बनने के लिए अब लॉबिंग का आगाज हो गया है। मगर ये कितनी कामयाब होगी इस पर भी सवाल हैं। वरिष्ठ आईएएस अफसर प्रवीर कुमार, संजय अग्रवाल,अनिल स्वरूप, राजीव कुमार और कुछ अन्य अफसर मुख्य सचिव की लाइन में हैं। ये लोग राहुल भटनागर की जगह ले सकते हैं।

मगर मोदी स्टाइल है पुराने अफसरों पर भरोसा

मगर केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम करने का जो तरीका है, उसको यूपी में लागू किया गया तो फिर बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमओ में अब तक तीन साल में बहुत कम बदलाव किये हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के समय के अनेक अफसर अब तक काम कर रहे हैं।

सीएम के निरीक्षण की आस में बिछाई रेड कारपेट

सीएम के निरीक्षण की आस में लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मुख्य सचिव आफिस में आज नई ग्रीन कारपेट बिछाई गई थी। ताकि अगर वे आएं तो उनका भव्य स्वागत किया जा सके। मगर योगी यहां नहीं आए।

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