जुआ है मोदी का नोटबंदी का कदम, बनेगा मिसाल: मीडिया 

Update: 2016-11-26 11:50 GMT
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

बीजिंग (भाषा)। चीनी आधिकारिक मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम को अत्यंत साहसिक बताते हुए शनिवार को कहा कि यह एक जुआ है जो हर हाल में एक मिसाल पेश करेगा, फिर भले ही यह कदम सफल रहे या विफल साबित हो और चीन भ्रष्टाचार पर इसके प्रभाव से सबक लेगा।

सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स' ने 'मोदी टेक्स ए गैम्बल विथ मनी रिफॉर्म' शीर्षक से छपे लेख में कहा, ‘‘मोदी का कदम बहुत साहसिक है। हम इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि यदि चीन 50 और 100 युआन के नोट बंद कर देता है तो चीन में क्या होगा।'' चीन में सबसे बड़ा नोट 100 युआन का है।

संपादकीय में कहा गया, ‘‘सूचना लीक होने से बचाने के लिए नोटबंदी संबंधी कदम के क्रियान्वयन को खतरे में डालते हुए योजना को गोपनीय रखना पड़ा। मोदी इस समय दुविधा की स्थिति में हैं क्योंकि इस सुधार का मकसद कालेधन को बेकार करना है, लेकिन यह प्रक्रिया कोई नई नीति की शुरुआत से पहले जन समर्थन हासिल करने के प्रशासन के सिद्धांत के विपरीत है।''

इसमें कहा गया है, ‘‘भारत में 90 प्रतिशत से अधिक लेन देन नकद में किया जाता है, ऐसे में चलन में मौजूद 85 प्रतिशत नोटों के प्रतिबंधित होने से लोगों को दैनिक जीवन में बहुत मुश्किल का सामना करना पड रहा है।'' संपादकीय में कहा गया है, ‘‘नोटबंदी से भ्रष्टाचार और अवैध आर्थिक गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है लेकिन यह उन गहरी सामाजिक एवं राजनीतिक मामलों को सुलझाने में स्पष्ट रुप से अक्षम है जो पूर्व में बताई गई समस्याओं को बढाने में मददगार हैं।'' संपादकीय में कहा गया है कि जहां तक भ्रष्टाचार की मौजूदगी की जड़ की बात है तो समस्याएं हमेशा फिर से पैदा होंगी।

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अन्य शब्दों में, मोदी सरकार लंबी और कठिन सुधार प्रक्रिया को एक बार में करना चाहती है।'' संपादकीय में कहा गया है, ‘‘नोटबंदी मोदी के लिए जुआ है। उन्होंने सरकार की क्रियान्वयन क्षमता और भारतीय समाज की सहनशक्ति के स्तर दोनों पर इस उम्मीद से दांव लगाया है कि इस सुधार के लाभ नकारात्मक सामाजिक प्रभाव और गिरे हुए मनोबल पर भारी पड़ सकते हैं।'' इसमें कहा गया है कि भारत की पश्चिमी शैली की लोकतांत्रिक प्रणाली में इस प्रकार के साहसिक कदमों के लिए कम ही स्थान है।

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘वह इसे अंजाम दे रहे हैं और यह कदम भले ही सफल रहे या असफल हो, यह एक मिसाल पेश करेगा।'' इसमें कहा गया है, ‘‘सुधार करना हमेशा मुश्किल होता है और इसके लिए साहस के अलावा भी कई चीजों की आवश्यकता होती है। मोदी ने नेक इरादे से नोटबंदी की है लेकिन यह सफल होगा या नहीं, यह बात प्रणाली की दक्षता और पूरे समाज के सहयोग पर निर्भर करती है। इस प्रक्रिया को नियंत्रिण करने में मोदी सरकार की क्षमता को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोग निराशावादी हो रहे हैं।'' संपाकीय में कहा गया है कि चीन करीब 40 साल से सुधार कर रहा है और अर्थव्यवस्था को मुक्त बना रहा है। इसमें कई उतार-चढाव आए लेकिन यह व्यापक रुप से स्थिर रहा। इसकी सफलता व्यापक स्तर पर लोगों के समर्थन पर निर्भर करती है।

इसमें कहा गया है, ‘‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की मजबूत क्रियान्वयन क्षमताएं पूरे देश की आम सहमति पर आधारित हैं। भारत के सुधारों से सीख मिलेगी जो हमें हमारे सुधार को समझने में मदद करेगी।''

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