नेपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहुंचे कई देशों के पर्यटन मंत्री

Update: 2020-01-02 10:45 GMT

काठमाण्डू (नेपाल)। नेपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत, चीन सहित कई देशों के पर्यटन मंत्री नेपाल की राजधानी में आयोजित 'भ्रमण नेपाल वर्ष 2020' में पहुंचे।

कार्यक्रम में नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने कहा, "अयोध्या राम की है तो जनकपुरी सीता की है इसलिए वर्ष 2020 में आशा करते हैं। भारतीय पर्यटकों का हम नेपालियों को स्वागत करने का अवसर मिलेगा।"

कार्यक्रम में नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भंडारी

वहीं भारत के पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नेपाल हमारा मित्र देश है, यहां के पर्यटन के लिए भारत हर तरीके से सहयोग करने के लिए तैयार है। इस कार्यक्रम में भारत, चीन कंबोडिया, कुवैत, म्यामांर, भूटान के पर्यटन मंत्री ने भाग लिया।

त्रिपुरेशर स्थित दशरथ स्टेडियम में कार्यक्रम का शुभारम्भ नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भण्डारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने सभी देशों को नेपाल आने का आमंत्रण देते हुए कहा, "हम आशा करते हैं। भगवान पशुपतिनाथ के धर्म क्षेत्र में इस बार भी हमारे नेपाल की प्राकृतिक सौन्दर्यता मांउट एवरेस्ट, चितवन वाइल्ड लाइफ, मुस्तङ्ग, पाथीभरा, पोखरा, रारा लेक, चन्द्रगिरि, सिंह दरबार, भक्तपुर, स्वयम्भू, नारायणीहिती पैलेस, को देखने के लिए करोड़ों लोग आएंगे।"


वहीं कार्यक्रम में नेपाल के पर्यटन सांस्कृतिक एवं नागरिक उड्डयन मंत्री योगेश भट्टराई ने विजिट नेपाल का वीबर स्टिकर लॉन्च किया, और कहा कि मेरा मकसद सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना ही नही है मेरा मकसद है वासुदेव कुटुम्बकम नेपाल आओ आप लोग भ्रमण करने हम सब आपका स्वागत करेंगे।


नेपाल टूरिज्म बोर्ड के डायरेक्टर मैनेजर लीला बहादुर बानिया ने कहा कि भारत नेपाल के लिए पर्यटक के रूप में एक बड़ा मार्केट है। इस से हमारे देश मे विकास की दर को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि भारतीय नागरिक को नेपाल आने के लिए ना तो वीजा की जरूरत है न ही पासपोर्ट की। इसलिए आसानी से भारतीय पर्यटक हमारे नेपाल की सुंदरता का भ्रमण कर सकते हैं, आज उन्होंने बताया किट्टू रेशम के माध्यम से नेपाल में बढ़ रही युवाओं में बेरोजगारी को खत्म किया जाएगा जिससे हमारे देश के युवा वर्ग अन्य देशों में ना जाकर के नेपाल में ही रोजगार के नए संसाधन पैदा होंगे यह हमारे लिए हमारे देश के लिए एक बड़ी बात है, अभी तक हमारे देश के युवा भारत चाइना अरब कंट्री ओं में रोजगार की तलाश में जाना पड़ता था।

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