जेएनयू में तनाव, लापता छात्र का पता बताने पर मिलेंगे 50,000 रुपए, राजनाथ ने रिपोर्ट मांगी

Update: 2016-10-20 15:09 GMT
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह।

नई दिल्ली (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक लापता छात्र को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के पुलिस से रिपोर्ट तलब की। गृह मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त आलोक कुमार वर्मा से मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है व साथ ही नजीब अहमद का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश भी दिया।


गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के. एस. धतवालिया ने कहा, "गृह मंत्री ने शहर के पुलिस आयुक्त से बातचीत की है और मामले में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है।"

लापता छात्र के लिए 50,000 रुपए इनाम की घोषणा

दिल्ली पुलिस ने पिछले पांच दिनों से लापता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद के बारे में सूचना देने वाले को 50,000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की। पुलिस ने बुधवार देर रात जारी घोषणा में कहा है कि लापता/अपहृत जेएनयू के छात्र के बारे में कोई भी जानकारी या सुराग वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को दी जा सकती है।

इसमें कहा गया है कि अहमद के बारे में जानकारी देने वाले को 50,000 रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। पुलिस में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 के तहत अपहरण की शिकायत दर्ज कराई गई है। इस मामले की विश्वविद्यालय ने भी जांच शुरू कर दी है।

वहीं, बुधवार को जेएनयू के छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद कुलपति सहित शीर्ष अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में ही फंस गए। विरोध कर रहे सैकड़ों छात्रों ने अब भी कुलपति, प्रोक्टर और रजिस्ट्रार को बंधक बनाए रखा है। हालांकि अन्य कर्मचारियों को दैनिक कामों की अनुमति है।

जेएनयू छात्रों ने कुलपति को ‘बंधक' बनाया

जेएनयू में एक लापता छात्र को लेकर चल रहा प्रदर्शन आज उस वक्त गंभीर हो गया जब आंदोलनकारी छात्रों ने कुलपति और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशासनिक भवन में बंद कर दिया।

हम इमारत के भीतर दिन में 2.30 बजे से बंद हैं, हमारे साथ एक महिला सहकर्मी भी हैं जो अस्वस्थ हो गईं हैं क्योंकि उनको मधुमेह है।
एम जगदीश कुमार कुलपति जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

दूसरी ओर, जेएनयू के छात्रों ने अपने रुख का बचाव करते हुए दावा किया कि ‘किसी को अवैध रुप से बंधक नहीं बनाया गया।

हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रुप से बंधक नहीं बनाया। बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति है. हमने भीतर खाना भेजा है।
मोहित पांडेय अध्यक्ष जेएनयू छात्र संघ

दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है।

जेएनयू ने जांच को 12 छात्र तलब किए

जेएनयू प्रशासन ने एक छात्र के लापता होने से संबंधित मामले में 12 छात्रों को प्रॉक्टर-स्तरीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा।जिनके नाम माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर को हुई हिंसा की घटना से जुड़े हैं। इन छात्रों को इस बात को लेकर प्रदर्शन के बीच तलब किया गया कि इस मुद्दे पर कुलपति ने ‘असंवेदनशील' तरीके से कार्रवाई की।

स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से कथिततौर पर लापता है। उसका लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था। छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में कल एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई।

विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में भी वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरुरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं। हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ़ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए। हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं।''

जेएनयू के रेक्टर चिंतामणि महापात्र ने कहा, ‘‘परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी और जब हमने पुलिस से संपर्क किया तो हमसे कहा गया कि परिवार ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई है।''

विश्वविद्यालय में तनाव व्याप्त है। वाम समर्थित जेएनयूएसयू और एबीवीपी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडेय और अहमद के साथ रहने वाले छात्र के बयान में असंगति है।

रिजिजू ने राजनाथ को जानकारी दी

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जेएनयू में पिछले छह दिनों से लापता एक छात्र और उसके बाद के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी। रिजिजू ने राजनाथ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य अधिकारियों को बंधक बनाना बहुत गलत है। ऐसा लग रहा है कि छात्र जेएनयू अध्ययन के लिए नहीं, राजनीति करने जाते हैं।"


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