राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वीकार किया मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल वी षणमुगनाथन का त्यागपत्र    

Update: 2017-01-27 19:44 GMT
मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल वी षणमुगनाथन।

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल वी षणमुगनाथन का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया। उन पर राज्यपाल कार्यालय की गरिमा को गंभीर ठेस पहुंचाने के आरोप हैं। राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजमोनी ने कहा कि राष्ट्रपति ने षणमुगनाथन का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है।

बयान में कहा गया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति असम के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मेघालय के राज्यपाल का दायित्व और नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्णन आचार्य को अरुणचाल प्रदेश के राज्यपाल का दायित्व देने में प्रसन्नता महसूस करते हैं।''

षणमुगनाथन (67 वर्ष) ने पद से अपना त्यागपत्र दिया है। शिलांग में राजभवन के करीब 100 कर्मचारियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को याचिका सौपकर राज्यपाल को उनके पद से हटाने तथा राजभवन की गरिमा बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

कर्मचारियों का आरोप है कि षणमुगनाथन ने राजभवन की गरिमा को गंभीर ठेस पहुंचाया और इसे युवतियों के क्लब में तब्दील कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह ऐसा स्थान बन गया जहां राज्यपाल के सीधे निर्देश पर युवतियां आती और जाती थीं उनमें से कई की उनके शयनकक्ष तक पहुंच थी।''

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने षणमुगनाथन को पद से हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड दिया था। इस अभियान का नेतृत्व महिलाओं की अगुवाई वाले सिविल सोसाइटी वुमैन आर्गेनाइजेशन एवं थमा यू रंगाली ने चलाया था। एक रोजगार की आकांक्षी उम्मीदवार महिला ने राजभवन में एक साक्षात्कार के दौरान राज्यपाल पर गलत हरकत का आरोप लगाया था।

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