आयकर नियम संशोधन से कालाधन रखने वालों को मिलेगी मदद : राहुल गांधी

Update: 2016-11-30 16:36 GMT
संसद भवन से बाहर आते कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू व अन्य सदस्य।

नई दिल्ली (आईएएनएस)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि आयकर नियमों में किए गए संशोधन का उद्देश्य कालधन रखने वालों की मदद करना है। कर विधेयक के मुद्दे पर लोकसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा, "सरकार ने 50 प्रतिशत कालाधन चोरों को दे दिया है।"

आयकर कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक कल लोकसभा में पारित किया गया, जिसमें नोटबंदी लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति कर चुकाकर अपने काले धन को वैध बना सकता है। विधेयक के मुताबिक जो लोग बैंकों को काला धन की जानकारी देंगे उन्हें उपकर और जुर्माने सहित 50 फीसदी कर देना होगा।

उन्होंने संसद के बाहर कहा कि सरकार ने फिर से आधा काला धन जमाखोरों को लौटा दिया है।

संसद में परम्परा है कि जब भी किसी का निधन होता है तो हम सम्मान देते हैं, पहली बार शहीद होने वाले सैनिकों (नगरोटा हमले के) को श्रद्धांजलि नहीं दी गई। इसलिए विपक्ष ने बहिर्गमन किया।
राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष (लोकसभा में विपक्ष के सांसदों के बहिर्गमन के बारे में)

जम्मू में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने की विपक्ष की मांग को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा खारिज करने के बाद विपक्षी सदस्य संसद से बाहर चले गए। अध्यक्ष ने इस आधार पर श्रद्धांजलि देने से इंकार किया कि अभी पूरा ब्यौरा सामने नहीं आया है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की रक्षा से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस राजनीति कर रही है।
एम. वेंकैया नायडू मंत्री सूचना और प्रसारण (राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए)

उन्होंने कहा, ‘‘अध्यक्ष ने सूचित किया कि नगरोटा में सघन तलाशी अभियान चल रहा है, अभियान समाप्त होते ही सदन में सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।''

कांग्रेस न तो चर्चा चाहती है न ही सदन चलने देना चाहती है : वेंकैया नायडू

कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘देश के लोग ऐसी ओछी राजनीति से घृणा करते हैं। कांग्रेस प्रश्नकाल के दौरान बाहर चली गई और फिर वापस आई। कांग्रेस न तो चर्चा चाहती है न ही सदन चलने देना चाहती है क्योंकि उन्हें अपना भांडा फूटने का डर है, यह नगरोटा के शहीदों का अपमान है।''

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