फरवरी तक बना रहेगा नोटों का संकट

Update: 2016-12-19 17:19 GMT
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का 2000 रुपए का नया नोट।

नई दिल्ली (भाषा)। कुल बंद नोटों का करीब 75 प्रतिशत जनवरी अंत तक बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाएगा। ऐसे में नकदी संकट को लेकर पैदा हुई स्थिति अगले दो माह में सामान्य हो पाएगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार मौजूदा समय में नए नोटों की छपाई का काम काफी तेजी से चल रहा है। ऐसे में दिसंबर के अंत तक बंद नोटों का 50 प्रतिशत तथा जनवरी, 2017 के अंत तक 75 प्रतिशत प्रणाली में वापस आ जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार बेहतर परिदृश्य को मानें तो फरवरी के अंत तक बंद नोटों का 78 से 88 प्रतिशत प्रतिशत प्रणाली में आ जाएगा। ऐसे में अगले दो महीने में स्थिति सामान्य होने के काफी करीब पहुंच जाएगी।

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे अधिक कृषि निर्भरता वाले राज्य नकदी संकट की इस अवधि में अधिक परेशानी का सामना कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद कुल करंसी में छोटे नोटों का प्रतिशत बढ़कर सात प्रतिशत हो गया है। इसमें कहा गया है कि क्षेत्रवार बात की जाए तो नकदी की दृष्टि से कृषि क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील है। यह क्षेत्र धीरे-धीरे ही इलेक्ट्रानिक लेनदेन के तौर तरीके अपनायेगा।

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