लखनऊ में वकीलों ने अफसर से मारपीट की, हड़ताल पर गए पीसीएस

Update: 2016-12-16 22:41 GMT
प्रतीकात्मक फोटो।

मुख्य संवाददाता

लखनऊ। वकीलों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में वरिष्ठ पीसीएस अफसर अनिल कुमार से मारपीट की। इससे नाराज पीसीएस संघ के सदस्य डीएम आवास पर सामूहिक गिरफ्तारी देने पहुंच गए। उसके बाद उन्होंने काम ठप कर दिया। उन्होंने धमकी दी है कि अगर दोषी वकीलों और पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर देंगे।

अनिल पीसीएस संघ के महामंत्री है। वह जब सुबह कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वकीलों से उनकी किसी बात पर कहासुनी हो गई। उग्र वकीलों ने उनसे मारपीट की। मामला तब गरमाया जब पुलिस ने अपने पदाधिकारी को बचाने पहुंचे तीन पीसीएस अफसरों के खिलाफ ही 300 रुपए लूटने की एफआईआर दर्ज कर दी।

चौकी इंचार्ज कलेक्ट्रेट अमरनाथ को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएम सत्येंद्र सिंह ने आदेश दिया है कि आरोपी वकीलों को 24 घंटे में पुलिस अरेस्ट करे। घटना की मजिस्ट्रियल जांच का भी निर्देश दिया गया है। डीएम ने एडीएम टीजी को मामले की जांच सौंपी है।

पीसीएस संघ के सदस्य तुरंत डीएम आवास पहुंचे और अपनी गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने पुलिस अफसरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई को कहा है। कार्रवाई के आश्वासन के बाद वे शांत हुए। पीसीएस संघ के 1100 सदस्यों ने मांग की है कि एसओ के साथ-साथ एसएसपी पर भी कार्रवाई हो।

कानपुर-लखनऊ में पीसीएस अफसर पर FIR का भारी विरोध शुरू हो गया है। पीसीएस संघ के अध्यक्ष ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि अगर केस वापस न हुआ तो पूरे प्रदेश के अधिकारी आंदोलन करेंगे। शनिवार की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय होगी। उधर, पीड़ित अफसरों ने डीएम के कैंट दफ्तर में हंगामा किया। स्थिति पर नियंत्रण के लिए एसएसपी मंजिल सैनी मौके पर मौजूद हैं।

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