मात्र तीन महीने में कड़कनाथ मुर्गे से कमा सकते हैं हजारों

Update: 2016-11-07 16:34 GMT
काले चिकन वाले इस मुर्गे की बाजार में है खासी मांग।

दिवेन्द्र सिंह (स्वयं डेस्क)

लखनऊ। मुर्गी पालन करने वाले किसान कड़कनाथ किस्म के मुर्गी पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस मुर्गे से तीन महीने में पालक हजारों रुपए कमा सकता हैं।

चित्रकूट जिले के गनीवां कृषि विज्ञान केन्द्र में कड़कनाथ मुर्गे का पालन करने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. गोविंद कुमार वर्मा बताते हैं, "कड़कनाथ के पालन से पालक तीन-चार महीने में अच्छी आमदनी कर सकता है। मूलरूप से कड़कनाथ मध्य प्रदेश के झबुआ जिले का मुर्गा है, लेकिन इसे प्रदेश में भी लाने के शुरुआत की जा रही है।

कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है कड़कनाथ मुर्गा।

कड़कनाथ मुर्गे की मांग पूरे देश में होने लगी है। इसकी खासियत यह है कि इसका खून और मांस काले रंग का होता है। लेकिन, यह मुर्गा दरअसल अपने स्वाद और सेहतमंद गुणों के लिये अधिक मशहूर है। कड़कनाथ भारत का एकमात्र काले मांस वाला चिकन है। शोध के अनुसार, इसके मीट में सफ़ेद चिकन के मुकाबले "कोलेस्ट्रॉल" का स्तर कम होता है। अमीनो एसिड" का स्तर ज्यादा होता है।

एक किलोग्राम का मुर्गा 750 रुपए में बिक जाता है और अंडा भी पचास रुपए में बिकता है।

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पांसेमल गाँव के सचिन सितोले पिछले एक साल से कड़कनाथ मुर्गों पालन रहे हैं। तीन-चार महीने में मुर्गा तैयार हो जाता है। सचिन बताते हैं, "कड़कनाथ मुर्गे की अच्छी मांग होती है। पिछले एक साल से इसकी शुरुआत की थी, अब तक चार बार इसे बेंच चुका हूं। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं लगता है।" वे आगे बताते हैं, "एक किलोग्राम का मुर्गा 750 रुपए में बिक जाता है और अंडा भी पचास रुपए में बिकता है।"

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