नोटबंदी पर पहली बार बोले राष्ट्रपति, आ सकती है अस्थाई मंदी  

Update: 2017-01-06 11:49 GMT
नए साल पर राज्यपाल व उपराज्यपाल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते राष्ट्रपति।

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पहली बार नोटबंदी पर अपनी राय रखी। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि नोटबंदी के बाद आर्थिक मंदी के कारण गरीबों को काफी परेशानी हुई जिसे दूर करने के लिए अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन से वीडियो-कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए कहा कि कालेधन को समाप्त करने और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लागू नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में अस्थाई मंदी आ सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए अधिकार की सोच से उद्यमशीलता की ओर बढ़ने पर जोर देने का वह स्वागत करते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं कि क्या गरीब लोग इतना इंतजार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है ताकि वे भूख, बेरोजगारी और उत्पीड़न से मुक्त भविष्य की ओर राष्ट्रीय अभियान में सक्रियता से भाग ले सकते हैं।'

मुखर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में घोषित पैकेज कुछ राहत देगा। उन्होंने कहा कि इस साल सात राज्यों में चुनाव होंगे और पांच में चुनावों की तारीख घोषित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों ने हमारे देश को दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में शामिल किया है। चुनाव राजनीतिक माहौल के प्रति जनता के रवैये, मूल्यों और विश्वास को प्रदर्शित करते हैं।' चुनावों में बयानबाजी और वोटबैंक की राजनीति के प्रति चेताते हुए मुखर्जी ने कहा कि हो-हंगामे वाली बहस समाज में विभाजन रेखा को और अधिक गहरा कर सकती है।

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