भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप में रोडवेज के दो अफसर बर्खास्त

Update: 2017-02-28 20:01 GMT
रोडवेज की बसें।

मुख्य संवाददाता

लखनऊ। यूपी रोडवेज के सहायक विधि अधिकारी आरके चौधरी मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिए गए हैं। प्रबन्ध निदेशक के रविन्द्र नायक ने आरके चौधरी को निगम को वित्तीय छति पहुंचाने के विभिन्न आरोपों में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त किया है। इनके अलावा क्षेत्रीय प्रबंधक रामजीत वर्मा को भी 1200 संविदा चालकों की भरती के मामले में गड़बड़ी करने के प्रकरण सेवा से बर्खास्त किया गया है।

रोडवेज के जनसंपर्क अधिकारी अनवर अंजार ने बताया कि विधि दायित्व के निर्वाह में शिथिलता बरतने की वजह से आरके चौधरी पर कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में प्रबन्ध निदेशक को न्यायालय के समक्ष उपस्थिति देनी पड़ी। क्षेत्रीय प्रबन्धक बनाम डिप्टी कमीश्नर इन्कम टैक्स गाजियाबाद में निगम को वित्तीय क्षति पहुचने और विभिन्न मोटर एक्सीडेन्टल केसों में निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाने के गंभीर आरोपों में दोषी पाए गए हैं। आरके चौधारी, सहायक विधि अधिकारी को सेवा से पृथक कर दिया गया है। इनके अलावा सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक वर्तमान में प्रभारी क्षेत्रीय प्रबन्धक फैजाबाद रामजीत वर्मा, को गोरखपुर क्षेत्र में क्षेत्रीय प्रबन्धक के पद पर तैनाती के दौरान 1200 संविदा परिचालकों की तैनाती कराने एवं स्पष्टीकरण का जवाब न देने का दोषी पाया गया।

रामजीत वर्मा इन्हीं गंभीर आरोपों के सिद्ध होने पर बर्खास्त किया गया है। यही नहीं प्रभारी सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक सुल्तानपुर डिपो एसएन शुक्ला को बस अड्डे पर साफ सफाई, पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, डीजल स्टोरेज की टैंक की सुरक्षा पर ध्यान न देने का दोषी पाया गया। अनुबन्धित बस मालिकों को बिना बस संचालित किये ही भुगतान किया गया। बिना टिकट यात्री के प्रकरणों को नियम विरूद्ध निस्तारित कर दिया गया। ईटीएम का रख-रखाव न करने जैसे गम्भीर आरोपों के तहत दोषी पाये जाने पर इन्हे मूलवेतन पर प्रत्यावर्तित करते हुए कभी किसी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात न किये जाने का दण्ड दिया गया है।

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