भुवनेश्वर (भाषा)। ओड़िशा में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा ग्रामीण डाकघरों में जाली नोटों की पहचान के लिए मशीनों के अभाव में प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने में मुश्किलें आ रही है।
केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे जिले में ग्रामीण डाकघरों में लंबी कतारें, परेशानी और अफरातफरी का माहौल है क्योंकि 700 शाखा कार्यालयों और उप-डाकघरों में आधारभूत संरचना और पैदा हुयी परिस्थिति से निपटने के लिए कार्यबल का अभाव है।
रुपये निकालने या पुराने नोटों को जमा कराने के लिए जाने वाले लोगों को निराशा हाथ लग रही है। कई जगहों पर लोगों का आक्रोश भड़क रहा है। केंद्रपाड़ा जिले के बेदारी गाँव में एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, ‘‘यह मेरा पैसा है। इसे कमाने के लिए मैंने खेतों में पसीना बहाया। लेकिन डाकघरों में यह कह कर इसे लेने से मना किया जा रहा कि उसके पास अपने रिजर्व से ज्यादा नकदी है।'' ग्रामीण डाकघरों में जाली नोटों की पहचान के लिए मशीनें और अल्ट्रावायलेट यंत्र नहीं है।