मिनीमन बैलेंस के फैसले पर एसबीआई करे विचार: केन्द्र सरकार

Update: 2017-03-06 20:53 GMT
भारतीय स्टेट बैंक

लखनऊ। भारतीय स्टेट बैक के इस बाप पर कि जो ग्राहक अपने अकाउंट में मिनीमम बैलेंस नहीं रखेंगे उनपर एक अप्रैल से पेनाल्टी लगेगा। एसपर हस्तक्षेत करते हुए केन्द्र ने एसबीआई से इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। साथ ही सरकार ने दूसरे निजी बैंकों से भी यही आग्रह किया है। एसबीआई ने पांच साल के बाद एक बार फिर से बैंक खातों में न्यूनतम राशि नहीं होने पर जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया है। यह जुर्माना एक अप्रैल से लागू होगा। इसके अलावा बैंक ने एटीएम सहित अन्य सेवाओं के शुल्क में भी बदलाव किए हैं।

स्टेट बैंक ने महीने में तीन बार बचत खाताधारकों को बिना शुल्क के नकद धन जमा कराने की अनुमति दी है. इसके बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपए का शुल्क और सेवाकर ग्राहकों को देना होगा. चालू खातों में यह शुल्क अधिकतम 20,000 रुपए भी हो सकता है.

एसबीआई के इस संशोधित शुल्कों के अुनसार ग्राहक को खातों में मासिक औसत बकाया रखने में नाकाम रहने पर 100 रुपपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा इसपर सेवाकर भी लगेगा। शहरी क्षेत्र के खाताधारकों के खाते में यदि न्यूनतम राशि 5,000 रुपए का 75 प्रतिशत होगी तो 100 रुपये का शुल्क और सेवाकर जुर्माना स्वरुप वसूला जाएगा। यदि यही बकाया न्यूनतम राशि के 50 प्रतिशत अथवा उससे भी कम है तो ऐसी स्थिति में बैंक 50 रुपए और सेवाकर देगा पेनाल्टी के रूप में लगाएगा।

इस नियम के लागू होने पर स्टेट बैंक के ग्राहक यदि एक महीने के अंदर अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी करते हैं तो उन्हें 20 रुपउ का शुल्क देय होगा। साथ ही अगर एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा बार निकासी करते हैं तो उन्हेंहर बार 10 रुपए का का शुल्क लिया जाएगा।

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