सड़क बनाने के नाम पर किसानों के खेतों में अवैध खनन

Update: 2016-12-27 18:20 GMT
इसी मार्ग के निर्माण में हो रहा है घालमेल।

गाँव कनेक्शन संवाददाता

बाराबंकी। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के हित और तरक्की के लिए तमाम सारी सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं। मगर जनपद के हैदरगढ़ तहसील के सुबेहा क्षेत्र में सड़क बनाने के नाम पर ठेकेदारों से लेकर विभागीय अधिकारियों ने किसानों का खूब उत्पीड़न किया है। खेतों में खड़ी न सिर्फ फसल उखड़वा दी बल्कि खेतों से अवैध मिट्टी ले सड़क बना दी।

जिले के प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गयी तहसील हैदरगढ़ के नगर पंचायत सुबेहा अंतर्गत ये वह सड़क है जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणा के बाद सुकुल बाजार से केरहना हुसैनाबाद होते हुए कैथी संपर्क मार्ग तक डामरीकरण कार्य के लिए 129.73 लाख रुपए की लागत से बनवाई जा रही है। इसकी लंबाई 3200 किलोमीटर है। एक तरफ जहां सड़क बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। वहीं सड़क के दोनों ओर पीली ईंटें भी लगाई गई हैं। इतना ही नहीं सड़क पर मैटेरियल भी कम डाला गया है।

इससे अब वह सड़क जगह-जगह उखड़ने भी लगी है। सत्ताधारी नेताओं का ठेकेदारों पर हाथ होने के चलते दो माह पूर्व किसानों के साथ ठेकेदारों ने गुंडागर्दी कर उनकी धान की खड़ी फसल और जेसीबी के सहारे उनके खेतों की मिट्टी निकालकर दबंगई के बलबूते अवैध खनन भी खूब करवाया। इससे किसानों का लाखों का नुकसान हो गया। सत्ताधारी नेता की गुंडई और दबंगई का इलाके में इतना खौफ है कि कोई कैमरे के सामने अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं लेकिन क्षेत्र के युवा किसान चंद्र जीत यादव ने स्थानीय नेताओं से लेकर अधिकारियों तक काफी भागदौड़ और नुकसान की भरपाई के लिए भी खूब गुहार लगाई। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अधिकारी आरके यादव का सफाई में कहना है कि अगर किसानों को नोटिस दी जाती तो वे स्टे ले आते। सड़क उनकी प्राथमिकता थी। इस कारण उन्हें नोटिस नहीं दी गई। हालांकि, सड़क में लगीं पीली ईंटें निकलवा दी जाएंगी। सुबेहा का यह वही इलाका है जहां सपा के सुबेहा चेयरमैन अदनान चौधरी हैं।

अवैध खनन के खिलाफ जहां उत्तर प्रदेश की सरकार और प्रदेश के बड़े-बड़े अधिकारी कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं वहीं जिले के सुबेहा क्षेत्र में प्रांतीय लोक खंड विभाग द्वारा किसानों की ही जमीन पर अवैध खनन करवाया जा रहा है। ऐसे में अब पीड़ित किसान जाएं तो कहां जाएं उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

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