दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे बर्खास्त 

Update: 2017-03-10 12:13 GMT
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे ।

सोल (एएफपी)। दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे के खिलाफ संसद में महाभियोग को बरकरार रखते हुए आज उन्हें बर्खास्त कर दिया। सर्वसम्मति से लिए इस निर्णय ने महीनों से चली आ रही राजनीतिक उठापटक पर विराम लगा दिया। इस दौरान लाखों लोग विरोध-प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे, वहीं इसने नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी रास्ता साफ कर दिया जो अगले 60 दिनों के भीतर होना है।

इसके साथ ही देश की पहली महिला राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे महाभियोग द्वारा हटाई जाने वाली पहली नेता भी बन गईं। वह अब ब्लू हाउस छोड़ने को बाध्य हैं और मुकदमे से मिलने वाली कार्यकारी छूट भी उन्होंने खो दी है।

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संवैधानिक अदालत के मुख्य न्यायाधीश ली जुंग-मी ने कहा कि राष्ट्रपति पार्क के कृत्य ने ‘‘लोकतंत्र और कानून के शासन की भावना को गंभीर रूप से कमजोर किया है, राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे को बर्खास्त किया जाता है।'' समर्थकों और विरोधियों के प्रतिद्वंद्वी समूहों ने भी सुनवाई देखी क्योंकि इसे टेलीविजन पर सजीव प्रसारित किया गया था।

पार्क को अपने मित्र चोइ सून-सिल को विदेश मंत्रालय में हस्तक्षेप करने की अनुमति देने और सार्वजनिक कर्मी के तौर पर कानून का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था।

ली ने उनके कृत्य को ‘‘ कानून का गंभीर और अस्वीकार्य उल्लंघन '' करार देते हुये कहा, ‘‘ पार्क ने संविधान एवं कानून का उल्लंघन करते हुये लोगों का विश्वास तोड़ा है।''

राष्ट्रपति ने हमेशा ‘‘ चोइ के विदेश मंत्रालय में हस्तक्षेप की बात को गुप्त रखा और जब भी इसपर सवाल उठे तो उन्होंने इसे नकारा, यहां तक कि संदेह उत्पन्न करने वालों की आलोचना भी की। '' पार्क के एक वकील ने फैसले पर ‘गहरा खेद' प्रकट किया।

संसदीय अभियोग समिति के सदस्य एवं सांसद क्वोन सियोंग डोंग ने कहा कि यह फैसला इस बात की पुष्टि करता है कि ‘‘ कानून के शासन में राष्ट्रपति सहित सब एक बराबर हैं।''

दिसंबर में संसद ने रिश्वत और शक्ति के दुरुपयोग सहित कई आरोपों में पार्क पर महाभियोग चलाने को मंजूरी दी थी और दक्षिण कोरिया के कानून के अधीन आने वाली संवैधानिक अदालत ने आज उसे अपने इस फैसले में बरकरार रखा।

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