चीन में कर्जदारों का होगा सामाजिक बहिष्कार, न होंगे बच्चों के एडमिशन, न कर पाएंगे हवाई सफर

Update: 2017-02-22 21:25 GMT
फोटो- प्रतीकात्मक

लखनऊ। भारत के बड़े शराब करोबारी विजय माल्या आजकल हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। अपने कारोबार की वजह से नहीं, बैंक का कर्ज न उतार पाने की वजह से। माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए बकाया है और माल्या देश छोड‍़ ब्रिटेन में बस चुके हैं। ऐसे में सरकार उनको वापस लाने का प्रयास तो कर रही है लेकिन ये प्रयास वास्तविकता की धरातल से अभी कोसों दूर है। माल्या ऐसे देश में एकलौते कर्जदार नहीं हैं। इसकी फेहरिस्त लंबी है। आश्चर्य की बात ये है कि कर्जदार कार्रवाई से दूर हैं। ऐसे में भारत को चीन से सबक लेनी चाहिए।

चीन में इलेक्ट्रिक बोर्ड पर कर्जदारों की जानकारी सार्वजनिक की जा रही है। फोटो साभार-चाइना डेली

चीन की सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज न चुका पानों पर सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। चीन के सर्वोच्च न्यायालय ने कर्ज न चुकाने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद कर्जदार न तो हवाई सफर कर सकेंगे और न ही बुलेट ट्रेन की सवारी। इनके बच्चों का निजी विद्यालयों में भी एडमिशन नहीं होगा। और तो और कर्जदार किराये का घर भी नहीं ले पाएंगे। इन लोगों को नीजि आईडी भी ब्लाक कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर कर्ज न चुका पाने वालों की सूची जारी कर दी गई। इसके अलावा कर्ज न चुका पाने वालों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें चौराहों पर चिपका दी गई हैं।

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चीन ने कर्जदारों के खिलाफ 2015 से मुहिम छेड़ रखी है, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इसे और धार दे दी है। चीन में लगभग 67 लाख लोगों ने बैंक और अन्य संस्थाओं से कर्ज लिया। इन सभी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। 2013 में इस मामले में एक ब्लैक लिस्ट जारी की गई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन लोगों को राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सहायता करनी चाहिए। दूसरी ओर इस मामले में 44 संस्थानों ने सहमति पत्र पर साइन किया है।

चीन सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्जदार नहीं कर पाएंगे ये काम

  • सुप्रीम कोर्ट ने हवाई सफर पर लगाई रोक
  • डिफॉल्टर्स बुलेट ट्रेन में नहीं कर सकेंगे सवारी
  • होटल में रुकना या किराए पर मकान लेने पर रोक
  • कर्जदारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन नहीं
  • सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोगों के पर्सनल आईडी नंबर ब्लॉक करने का आदेश दिया है

भारत में बैंकों का करीब 56 हजार 621 करोड़ रुपए बकाया

विजय माल्या पर बैंकों का करोड़ो रुपए बकाया है।

कर्ज के मामले में भारत भी चीन से पीछे नहीं है। भारत में बैंकों की बड़ी राशि कर्जदार डकार चुके हैं। ऐसे में दुनिया की मजबूत आर्थिक देश बनने की राह पर चल रहे भारत को भी ऐसे कड़े कदम उठाने चाहिए। वर्तमान में जितनी भारत की जीडीपी है उससे आधे से ज्यादा कर्ज है। बैंकों की बनाई संस्था सिबिल के अनुसार 2002 के बाद पिछले 13 सालों में सरकारी बैंकों का फंसा कर्ज 9 गुना बढ़ा है। प्राइवेट बैंकों इस लिस्म में नहीं हैं। 2004 से 2015 के बीच सरकारी बैंकों का 2 लाख 11 हजार करोड़ डूब चुका है। अगर ये रुपए वापस बैंकों को मिल जाएं तो देश कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व बदलाव कर सकता है।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में सरकार ने भी माना है कि देश में माल्या जैसे सवा पांच हजार से ज्यादा कारोबारी हैं, जो बैंकों का पैसा नहीं लौटा रहे हैं। इन पर बैंकों का करीब 56 हजार 621 करोड़ रुपए बकाया है। सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा चुका है कि आखिर देश का मोटा पैसा हड़प गए इन कर्जदारों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किए जा रहे हैं। अब भारत को ऐसे कर्जदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों की वजह से देश को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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