लखनऊ (भाषा)। मुस्लिम कौम की महिलाओं के अधिकारों पर संवाद का मंच देने में अनूठी भूमिका अदा करने वाली लखनऊ स्थित अम्बर मस्जिद मंगलवार को पूरी तरह सौर ऊर्जा से लैस भारत की पहली महिला मस्जिद बन गई।
विभिन्न धार्मिक नेताओं और धर्मगुरुओं की मौजूदगी में अम्बर मस्जिद में सोलर पैनल श्रृंखला से बिजली उत्पादन कार्य शुरू किया गया। अपनी स्थापना की 20वीं सालगिरह मनाने जा रही इस मस्जिद की छत पर सौर पैनल की स्थापना करके यह मस्जिद न सिर्फ अपनी जरूरत के लिये बिजली बनाएगी, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भी देगी। यह अपने कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाकर शहर-ए-लखनऊ की हवा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक कदम है।
यह मस्जिद सौर ऊर्जा से रोशन होने वाली देश की पहली महिला मस्जिद है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान लखनऊ शहर की हवा की गुणवत्ता बदतर हुई है। साथ ही उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती का सिलसिला भी जारी है। इसके लिये हम सभी जिम्मेदार हैं। हम सभी को हवा की गुणवत्ता सुधारने और अपनी जरूरत के लिये बिजली पैदा करने की दिशा में कदम उठाना होगा।शाइस्ता अम्बर, (अम्बर मस्जिद की संस्थापक)
शाइस्ता ने कहा कि कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के मुकाबले सौर संसाधनों से बनायी गयी बिजली से वायु प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होता। अगर सभी लखनऊवासी कुदरत के वरदान यानी धूप से बनी ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू करें तो शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार शुरू हो जाएगा और बिजली की कटौती में भी कमी आयेगी।
इसके अलावा मनकामेश्वर मंदिर की महन्त देव्यागिरि, गुरुद्वारा प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष राजिन्दर सिंह बग्गा, पेस्टर डेविड तथा बौद्घ पुरोहित भंटे प्रज्ञानन्द समेत विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने भी अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल करके पर्यावरण को बचाने का आह्वान किया।