एयरसेल मैक्सिस मामला: आरोप तय करने पर अदालत का आदेश अब दो फरवरी को    

Update: 2017-01-24 18:25 GMT
मारन बंधु।

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली की एक विशेष आदालत ने आज कहा कि एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मामलों पर आरोप तय करने के बारे में दो फरवरी को आदेश सुनाया जाएगा।

विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी को आरोप तय करने और मारन बंधुओं तथा अन्य की जमानत याचिकाओं पर आज फैसला सुनाना था लेकिन उन्होंने यह यह तैयार नहीं होने के कारण इसे दो फरवरी तक के लिए टाल दिया। सभी आरोपियों ने आरोपों से इनकार किया है और उन्होंने जमानत याचिका दाखिल कर रखी हैं।

आरोप तय करने के लिए हुई बहस में विशेष सरकारी वकील आनंद ग्रोवर ने दावा किया था कि दयानिधि मारन ने चेन्नई के टेलिकॉम प्रमोटर सी शिवशंकर पर 2006 में एयरसेल और उसकी सहायक फर्मो में अपनी हिस्सेदारी मलेशियाई कंपनी मैक्सिस ग्रुप को बेचने का दबाव बनाया था। हालांकि दयानिधि ने इन आरोपों का सिरे से खंडन किया था। दयानिधि के वकील ने कहा कि अक्टूबर 2005 में ही एयसेल और मैक्सिस के बीच समझौता हो चुका था। उनके भाई ने भी सीबीआई के दावे को गलत ठहराया है।

ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी साउथ एशिया फमएम लिमिटेड (एसएएफएल) के प्रबंध निदेशक के षणमुगम, एसएएफएल एंड सन डायरेक्ट ऑफ आउथ एशिया एफएम लिमिटेड के खिलाफ धन शोधन रोधी अधिनियम के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है। अदालत ने सीबीआई की अर्जी पर कृष्णन और मार्शल के खिलाफ 24 सितंबर 2016 को पुन: गिरफ्तारी वारंट जारी किया था क्योंकि पहले जारी वारंट की तामील नहीं हो सकी थी।


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