पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, बनेगी सतलुज-यमुना लिंक नहर

Update: 2016-11-10 16:39 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। सतलुज और यमुना के लिंक को लेकर चले आ रहे विवाद पर पंजाब सरकार को जोरदार झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि सतलुज यमुना लिंक नहर बनेगी। यह फैसला पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह राय राष्ट्रपति के रेफरेंस पर दी है। अब सुप्रीम कोर्ट का 2002 और 2004 का फैसला प्रभावी हो गया, जिसमें केंद्र सरकार को नहर का कब्जा लेकर लिंक निर्माण पूरा करना है।

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से मांगे थे इन चार सवालों के जवाब

1. क्या पंजाब का पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 संवैधानिक है?

2. क्या ये एक्ट इंटरस्टेट वाटर डिस्प्यूट एक्ट 1956 और पंजाब रिओर्गनाइजेशन एक्ट 1966 के तहत सही है?

3. क्या पंजाब ने रावी ब्यास बेसिन को लेकर 1981 के एग्रीमेंट को सही नियमों के तहत रद्द किया है?

4. क्या पंजाब इस एक्ट के तहत 2002 और 2004 में सुप्रीम कोर्ट की डिक्री को मानने से मुक्त हो गया है?

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी राय में इन सवालों के जवाब नकारात्मक दिए हैं।

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