सरकारी मॉल में जम कर खप रहा काला माल

Update: 2016-11-14 19:22 GMT
इन फैमिली बाजार में खूब लग रही है भीड़।

लखनऊ। राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के फैमिली बाजार कालाबाजारी का गढ़ बन गए हैं। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी यहां अपने जमा कैश से गैरकानूनी तरीके से लाखों रुपये की खरीददारी कर रहे हैं। उस पर 15 फीसदी की छूट भी मिल रही है। अकेले लखनऊ में ऐसे फैमिली बाजारों की संख्या 10 है, जबकि प्रदेश भर में दर्जनों फैमिली बाजार हैं। यहां 500 और 1000 नोट बेरोकटोक लिये जा रहे हैं। पूछने पर कहा जाता है कि इमरजेंसी सेवाओं के तहत जो पुराने नोटों को लेने का नियम है, उसके तहत फैमिली बाजार भी आते हैं। इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जबकि गजट के मुताबिक केवल सरकारी अस्पताल, रेलवे टिकट, बिजली, पानी के बिल, पेट्रोल पंप पर ही पुराने नोट को जारी रखा गया है। फैमिली बाजार ही नहीं, कई बड़े प्रतिष्ठान भी 1000 और 500 के नोट ले रहे हैं।

इन फैमिली बाजारों में लगी है भीड़

फैमिली बाजार पत्रकारपुरम, पॉलीटेक्निक चौराहा, अलीगंज, रिंग रोड सहित राजधानी में 10 स्थानों पर हैं। राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की ओर से इनकी शुरुआत 2010 में राज्य कर्मचारियों को आराम देने के लिए किया गया था। इनमें राज्य कर्मियों को 15 फीसदी की छूट दी जाती है। पालीटेक्निक चौराहे पर एक केंद्र से शुरू हुए फैमिली बाजार अब 10 हैं। जिन पर इन दिनों आपाधापी मची हुई हैं।

बड़ी-बड़ी गाड़ियों में भर रहे हैं सामान

कपूरथला के अलीगंज सेक्टर-ई फैमिली बाजार में सरकारी कर्मचारी बेखौफ मॉल में खरीददारी करते दिखे। लोग रिक्शों और बाइकों पर सामान लेकर जा रहे हैं। मॉल से निकले एक ग्राहक ने बताया कि चल सबकुछ रहा है, लेकिन खुल कर क्यों बतायें। वही मुंशीपुलिया स्थित फैमिली बाजार की दुकानों के बाहर सैकड़ों लोग सामान की खरीददारी करते दिखे। दुकान बंद होने के कारण लोग सुबह से ही लाइन में खड़े रहे। भीड़ के दौरान कुछ लोगों की आपस में ही बहस करते दिखे। लोग बड़ी गाड़ियों मे सामान भर कर ले जाते दिखे।

पुराने नोट देने में भी कोई दिक्कत नहीं

बड़े नोटों के बारे में पूछने पर एक ग्राहक ने बताया कि बड़े नोट खत्म हो जाये इसिलिये तो यहां खड़े हैं। अगर आपको शॉपिंग करनी है ता आप भी जा सकते हैं। यहां खरीददारी करने आए विनोद कुमार शर्मा बताते हैं कि हमको तो यही पता है कि सरकारी आवश्यक वस्तु होने की वजह से हमको यहां सामान खरीदने में पुराना कैश देने को लेकर कोई भी दिक्कत नहीं है। अलीगंज सेक्टर-एम की रहने वाली राज्य कर्मचारी पूजा शर्मा को नहीं पता कि इस तरह की खरीददारी गैरकानूनी है। मगर पुराना कैश खपाने के लिए यहां से गैरजरूरी सामान भी खरीद रही हैं।

कई निजी स्टोर भी पुराने नोट लेने के लिए राजी

05224044018 नंबर से एक फोन आता है। केसी गारमेंट वेब मॉल से एग्जीक्यूटिव फोन करती हैं और कहती है कि हमारा नया कलेक्शन आया है। 500 और 1000 के पुराने नोट हम स्वीकार कर रहे हैं। आप चाहें तो जितना सामान खरीद सकते हैं। ऐसा शहर के अनेक बाजारों में धड़ल्ले से चल रहा है।

कालाबाजारी पर चुप्पी साधे अधिकारी

राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के प्रबंध निदेशक श्रीप्रकाश गुप्ता से इस मसले पर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया। उन्होंने कॉल नहीं पिक की। जिसके बाद गांव कनेक्शन ने उनसे मैसेज के माध्यम से अपना पक्ष देने का आग्रह किया, मगर उन्होंने इस पर भी कोई पक्ष नहीं रखा। जिससे राज्य कर्मचारी कल्याण निगम और फैमिली बाजार चलाने वाली निजी एजेंसियों के बीच का घपला उजागर हो गया है।

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