मुस्लिम वोटों के विभाजन ने भी की भाजपा की राह आसान

Update: 2017-03-11 19:48 GMT
भाजपा की जीत के बाद भाजपा कार्यालय में मनाया गया जश्न।

लखनऊ। मुस्लिम वोटों का विभाजन बसपा के 100 सीटों पर खड़े किये गये उम्मीदवारों की वजह से बहुत हुआ। कई सीटों पर ये नजारे स्पष्ट दिखे। पश्चिम से लेकर पूरब तक बसपा के मुस्लिम उम्मीदवारों की वजह से सपा के सिपाही चुनावी रण में धराशाही होते हुए नजर आए। इसके अलावा कई जगह जहां बसपा के मुसलमान उम्मीदवार मजबूती से लड़ रहे थे, वहां सपा के उम्मीदवारों ने उनको नुकसान पहुंचाया। इस आपसी लड़ाई में भाजपा को अधिकांश सीटों पर लाभ मिला।

मिसाल के तौर पर बिजनौर सदर सीट पर भाजपा की सुचि सिंह चौधरी ने एक लाख से अधिक वोट पाये और सपा की रुचिवीरा को करीब 28 हजार वोट से हराया, मगर यहां बसपा के राशिद अहमद ने 50 हजार वोट पाये और रुचिवीरा की हार का सबसे बड़ा कारण बन गए। लखनऊ पश्चिम में सपा के रेहान नईम को भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने करीब 12 हजार वोट से हराया। यहां बसपा के अरमान को 33 हजार के करीब वोट मिले। जिससे सपा को हुआ नुकसान सामने आ गया।

इसी तरह से लखनऊ मध्य सीट पर भाजपा के बृजेश पाठक ने सपा के रविदास को मात्र पांच हजार वोट के अंतर से हरा दिया। जबकि यहां कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी मारूफ खान को करीब 13 हजार वोट मिले। यहां भी एक बड़ा कारण मुस्लिम वोटों का विभाजन ही रहा, जिससे भाजपा की जीत की राह प्रशस्त की। ऐसे उदाहरण हर दूसरी तीसरी सीट पर है, भाजपा की जीत इसी त्रिकोणीय लड़ाई ने लगातार प्रशस्त की।

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