नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि दहेज की मांग नव विवाहित महिला की जिंदगी को जीते-जी नरक बना देती है और उसे एक कारोबारी उपक्रम समझा जाता है जहां से लाभ कामया जा सकता है। अदालत ने पत्नी के उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति और उसके परिवार के दो सदस्यों को जेल भेजते हुए यह टिप्पणी की।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शेफाली बरनाला टंडन ने टिप्पणी की कि अपने ससुराल वालों की तरफ से दहेज के लालच की वजह से एक युवती की पूरी जिंदगी खराब हो जाती है और कारोबारी उपक्रम समझा जाता है जहां से लड़की की खुशहाली और उसकी शादी बचाने के वास्ते उसके अभिभावकों से दहेज की मांग करके लाभ कमाया जा सकता है।
अदालत ने दहेज के लिए महिला का उत्पीड़न करने के लिए व्यक्ति को तीन साल की जेल की सजा दी जबकि उसके भाई और एक रिश्तेदार को एक साल की सजा सुनाई। अदालत ने महिला को चार लाख रुपए का मुआवजा भी देने का आदेश दिया जिसमें से दो लाख रुपए व्यक्ति देगा जबकि एक-एक लाख रुपए उसके दो रिश्तेदार देंगे।