आयकर विभाग ने रिजर्व बैंक से कहा, सहकारी बैंकों के नकदी रिकार्ड में गंभीर छेड़छाड़  

Update: 2017-01-19 16:39 GMT
आयकर विभाग ने रिजर्व बैंक को लिखा पत्र।

नई दिल्ली (भाषा)। आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद सहकारी बैंकों के खातों में गंभीर गड़बड़ी होने का अंदेशा जताया है। आयकर विभाग ने रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर कई सहकारी बैंकों के खातों में करोड़ों रुपए के अवैध लेनदेन के बारे में जानकारी दी है।

आयकर विभाग द्वारा तैयार विश्लेषण रिपोर्ट में दो विशेष मामलों की जानकारी दी गई है। इसमें मुंबई और पुणे के दो मामलों का जिक्र किया गया है, जिनमें दो बैंकों ने कालाधन सृजन को देखते हुए 500, 1000 के पुराने नोटों में 113 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी नियामक को दी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘पुणे के बैंक ने रिजर्व बैंक को 242 करोड़ रुपए के नोट होने की जानकारी दी जबकि उसके पास वास्तव में 141 करोड़ रुपए ही थे। यानी इस सहकारी बैंक ने 23 दिसंबर 2016 के उसके पास 101.70 करोड़ रुपए के अतिरिक्त पुराने नोट होने की जानकारी दी। मुंबई में इसी तरह के एक मामले में बैंक ने 11.89 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि होने की जानकारी दी।'' आयकर विभाग ने पिछले साल नोटबंदी के बाद इन दोनों बैंकों का सर्वे किया। इस दौरान उसे पुराने चलन से बाहर किये गये नोटों की इन बैंकों में उपलब्धता और रिजर्व बैंक को दी गई जानकारी में गंभीर अंतर नजर आया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस बारे में रिजर्व बैंक जानकारी दी है और लगातार इस बारे में ताजा जानकारी दी जाती रही है। पुराने नोटों की उपलब्धता से अधिक जानकारी देने पर पुराने नोटों को 30 दिसंबर 2016 के बाद भी नये नोटों में बदलने की गंभीर संभावना बनी रहती है। 500, 1,000 रुपए के पुराने नोटों को नये नोटों से बदलने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर रखी गई थी। आयकर विभाग ने इससे पहले भी कई सहकारी बैंकों के कामकाज को लेकर गंभीर चिंता जताई है।


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