गुटखा पर रोक को सख्ती से लागू करने के लिए जनहित याचिका दायर 

Update: 2017-01-11 17:55 GMT
साभार: इंटरनेट

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर गुटखा और चबा कर खाए जाने वाले अन्य तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाने की मांग की गयी है। अदालत ने इसे अगले महीने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

चबा कर खाए जाने वाले तंबाकू उत्पादों में खैनी, जर्दा आदि होते हैं। एक गैरसरकारी संगठन द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। लेकिन एक न्यायाधीश के उपलब्ध नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी और इसे नौ फरवरी के लिए स्थगित कर दिया गया।

गैरसरकारी संगठन फरियाद फाउंडेशन ने कहा कि दिल्ली सरकार की 2015-16 की एक अधिसूचना है जिसमें गुटखा तथा अन्य ऐसे उत्पादों की बिक्री, आपूर्ति और उत्पादन पर रोक लगायी गयी है। याचिका ने कहा कि इसका सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है।

इसमें आरोप लगाया गया है कि निर्माताओं द्वारा अब भी ऐसे उत्पादों की बिक्री की जा रही है। वे दो अलग अलग पाउचों में इसकी बिक्री कर रहे हैं। एक पाउच में पान मसाला होता है जबकि दूसरे में अन्य उत्पाद होते हैं।


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