उप्र विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया कल से  

Update: 2017-01-19 19:16 GMT
फोटो प्रतीकात्मक

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया कल अधिसूचना जारी होने के साथ ही शुरू हो जाएगी। इस चरण में मुस्लिम बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 67 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

इन विधानसभा सीटों के लिए पर्चे 27 जनवरी तक दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन पत्र वापस लेने की तारीख एक फरवरी है और मतदान 15 फरवरी को होेगा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सात चरणों में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच होंगे। दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खीरी, शाहजहांपुर और बदायूं जिलों की विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। एक करोड़ चार लाख महिलाओं सहित दो करोड़ 28 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में उक्त 67 सीटों में से 34 सीटों पर सपा ने जीत दर्ज की थी। बसपा ने 18, भाजपा ने दस, कांग्रेस ने तीन तथा पीस पार्टी और इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल ने एक एक सीट जीती थी। इस चरण के तहत 12 आरक्षित सीटों में 2012 के चुनाव में सपा ने नौ और बसपा ने तीन सीटें जीती थीं।

कांग्रेस और रालोद से गठजोड़ पर सपा भरोसा कर रही है। गठजोड़ का मुख्यमंत्री का चेहरा अखिलेश यादव होंगे। इस चरण में मतदाताओं विशेषकर अल्पसंख्यकों के मतदान से तय होगा कि असल मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है या फिर भाजपा और बसपा के बीच या फिर त्रिकोणीय मुकाबला है।

रामपुर से आजम खां और बरेली से केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की प्रतिष्ठा दांव पर

रामपुर में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां, बदायूं में सांसद धर्मेन्द्र यादव, सहारनपुर में कांग्रेस नेता इमरान मसूद और बरेली में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अग्निपरीक्षा होगी। वह दलित-मुस्लिम वोट बैंक पर काफी भरोसा कर रही है। बसपा ने 403 सीटों वाली विधानसभा के लिए मुसलमानों को 97 टिकट दिए हैं। चुनावी नतीजे ये भी दर्शएंगे कि मायावती का दलित वोट उनके साथ किस हद तक है। यह भी देखने वाली बात होगी कि मायावती मुसलमानों का कितना समर्थन हासिल कर सकती हैं।

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