खम्भे, तार लगे फिर भी एक वर्ष से नहीं आई लाइट

Update: 2016-10-29 17:51 GMT
बिजली के ये तार ग्रामीणों के लिए साबित हो रहा सिर्फ झांसा।

कविता द्विवेदी (कम्यूनिटी जर्नलिस्ट)

बाराबंकी। आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ये सच है, एक साल पहले बिजली के खम्भे, ट्रांसफार्मर लग गए मगर बिजली सप्लाई आज तक नहीं हो पाई।

जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर स्थिति नरेन्द्रपुर मदरहा में एक वर्ष पहले गाँव में बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर लगने लगे तो गाँव वालों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक गाँव में लाइट नहीं आई। लोगों को किसी भी कार्य में अगर बिजली की जरूरत पड़ती है तो ग्रामीण दूसरे गाँव से बिजली लेते हैं। जबकि बिजली के खम्भे उनके द्वार पर ही लगे है। जो समर्थ है वो तो दूसरे क्षेत्र से बिजली के तार खिंचवाकर काम चला रहे हैं, मगर जो आर्थिक रूप से परेशान हैं उनके घर में लाइट नहीं है। जबकि उनके घर के बाहर बिजली के खम्भे लगे है। इस सम्बन्ध मे जब कृष्ण (65 वर्ष) से पूछा तो उन्होनें बताया, " एक किलोमीटर तक बिजली नहीं आ रही है। यहां कम से कम 20 से 25 घरों में बिजली नहीं है।" इसी गाँव में रहने वाले राम अवघ (40 वर्ष) बताते हैं, "घर के अन्दर मीटर लगा गये एक साल पहले मगर बिजली अभी तक नहीं दिए।"

सुनील मिश्रा (45 वर्ष) बताते हैं, "जब गाँव मे बिजली नहीं आती तो बहुत सारे काम नहीं हो पाते। गर्मी में भी धूप में रहना पड़ता है। और जब से खम्भा और तार लगा गये तब से आज तक न तो बिजली आई और ना ही लगाने वाले दुबारा आए। अब हम लोग इसके बारे में कुछ जानते नहीं तो क्या करे। ये लोग हमकों ठगते हैं।" सुनील आगे बताते हैँ, "लाइट कनेक्शन का 300 रुपये लेते है। मगर लाइट न आये तो देखने भी नहीं आते कि हम जहां बिजली के खम्भे, तार लगा आये है तो वहां बिजली आई भी है या नहीं।"

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