शहादत काे सलाम: शहीदों के परिवारों का आज होगा सम्मान

Update: 2016-10-20 23:04 GMT
यूपी पुलिस (प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ। 21 अक्टूबर 1968 को लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस जवानों की याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। लद्दाख सीमा पर सामान्य गश्त पर निकले जवानों पर चीनी सैनिकों ने स्वचालित राइफल और मोर्टार घात लगाकर हमला कर दिया था। सामान्य राइफल होने के बावजूद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया। उनसे लड़ते हुए सभी जवान शहीद हो गए थे। इन वीर सपूतों की तरह इस साल यूपी पुलिस के भी कई वीर सपूत अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हुए हैं। कर्तव्य पालन के दौरान शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों की स्मृति में पुलिस लाइन लखनऊ में सुबह 8 बजे शोक परेड का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, वरिष्ठ मंत्री, प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

अतिक्रमणकारियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मुकुल दि्वेदी


मुकुल द्विवेदी। 

2 जून, 2016, शाम पांच बजे मथुरा के अपर पुलिस अधीक्षक मुकुल दि्वेदी मुथरा के जवाहरबाग के मेन गेट पर अपने थानेदार संतोष कुमार के साथ पहुंचे। इस जगह को स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रही स्वाधीन भारत सेना के नाम पर असामाजिक लोगों ने सालों से कब्जा जमाया हुआ था। लेकिन जब पुलिस के लोग सरकार की इस जमीन को खाली कराने पहुंचे तो अतिक्रमणकारियों ने बम, बंदूक और पत्थर से हमला कर दिया। जिसमें अतिक्रमणकारियों से लोहा लेते हुए मुकुल दि्वेदी और संतोष कुमार शहीद हो गए। इनकी शहादत आज भी लोगों को प्रेरणा दे रही है।

पशु तस्करों की भेंट चढ़ गए सत्य प्रकाश सरोज

22 जून, 2016 को फैजाबाद जिले के इनायत नगर थाना के आरक्षी सत्य प्रकाश सरोज अपने थाने आफिस में मौजूद थे। उन्हें सूचना मिली कि मलेथू बुजुर्ग के अत्यंत घने जंगलों में पशु तस्कर गोवंश का वध करने जा रहे हैं। इस सूचना के बाद वह सत्य प्रकाश मौके पर पहुंचकर पशु तस्करों की घेराबंदी की। इसके बाद 10 की संख्या में पशु तस्करों ने पुलिस दल पर फायरिंग शुरू कर दिया। लेकिन अपने अदम्य साहस और परिचय देते हुए उन्होंने पशु तस्करों को पकड़ने का प्रयास किया। जिसमें एक पशु तस्कर की गोली से वह घायल हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। कर्तव्यों की वेदी पर शहीद हुए सत्य प्रकाश की वीरता को प्रदेश सलाम करता है।

गोली लगने के बाद भी बदमाशों का पीछा करते रहे अख्तर खान

अख्तर खान।

24 अप्रैल, 2016 को गोतमबुद्ध नगर थाने के उपनिरीक्षक अख्तर खान ने इस क्षेत्र के मोस्ट वांटेड अपराधियों की तलाश में दादरी के एक मकान पर दबिश दी। मुखबिर की सूचना पर जब वह यहां पर पहुंचे तो बदमाशों ने पुलिस बल पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस बल ने भी अपने सरकारी हथियार से जवाबी फायरिंग की। जिसमें बदमाशों की गोली से अख्तर खान घायल हो गए, लेकिन वह बदमाशों का मुकाबला करते रहे। इसके बाद राजकीय चिकित्सालय दादारी में इलाज के दोरान उनकी मृत्यु हो गई।

जंगलों में बदमाश का पीछा करते हुए शहीद हो गए सर्वेश कुमार यादव

सर्वेश कुमार यादव।

22 जून, 2016 को बदयूं जिले के बिनावर थाना में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत सर्वेश कुमार यादव को मुखबिरों ने सूचना दी कि तीन बदमाश अपाची मोटरसाइकिल से बेहटी जंगल की तरफ जा रहे हैं। इस सूचना के बाद सर्वेश कुमार यादव ने बदमाशों को पीछा करके रोकने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने सर्वेश कुमार यादव को गोली मार दिया। जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

गश्त के दोरान शहीद कर दिए भीमसेन और सहीम खां

भीमसेन ।

17 अप्रैल, 2016 को बदायूं जिले के बिल्सी थाना में तैनात आरक्षी भीमसेन और सहीम खां अपने क्षेत्र में गश्त के लिए निकले। इस दोरान ग्राम गढ़ाली में जगतपाल मोर्या तेज आवाज मंस डेक बजा रहा था। जिससे आसपास के लोग परेशान हो रहे थे। दोनों पुलिस वालों ने उसे ऐसा करने से रोका। जिसके बाद जगतपाल अपने परिवार वालों के साथ मिलकर दोनों आरक्षियों पर कुल्हाड़ी, फावड़ा ओर चाकू से हमला किर दिया। जिसके दोनों आरक्षियों की मृत्यु हो गई। ऐेसे में अपने कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले इस वीर सपूतों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा।

साहिम खां।

शहीद पुलिसजनों के परिजनों के साथ उत्तर प्रदेश का सम्पूर्ण पुलिस बल है। हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से मैं विश्वास दिलाता हूं कि चाहे कैसी भी कठिन विषम परिस्थितियां क्यों न हों, पुलिसजन प्रदेश एवं समाज की रक्षा में अपनी सम्पूर्ण शक्ति, निष्ठा एवं समर्पण से अपने कर्तव्य का निर्वाह करते रहेंगे।
जावीद अहमद, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश पुलिस

उत्तर प्रदेश में शहीद हुए 116 जवान

01 सितम्बर 2015 से 31 अगस्त 2016 तक की अवधि में सम्पूर्ण भारत वर्ष में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले 479 पुलिसजनों में उत्तर प्रदेश के 116 पुलिसजन सम्मिलित हैं। इन शहीदों में 1 अपर पुलिस उपाधीक्षक, 4 निरीक्षक, 15 उपनिरीक्षक, 1 उनि (वि.श्रे.), 8 मुख्य आरक्षी(पी), 18 मुख्य आरक्षी, 1 एचओएम, 1सहायक परिचालक, 58 आरक्षी, 06 आरक्षी चालक व 3 फायरमैन सम्मिलित हैं।

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