देश में स्थापित किया जाएगा प्रदूषण अनुसंधान संस्थान

Update: 2016-05-18 05:30 GMT
gaonconnection, जावड़ेकर ने प्रदूषण अनुसंधान संस्थान बनाने का प्रस्ताव किया

नई दिल्ली (भाषा)। पर्यावरण मंत्रालय प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन करने और इस संकट से बेहतर तरीके से निपटने में सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए एक वायु प्रदूषण शोध संस्थान स्थापित करने पर विचार कर रहा है। वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस आशय का प्रस्ताव किया।

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘सरकार ने प्रदूषण को गंभीरता से लिया है और प्रदूषण कम करने के लिये संकल्पबद्ध है। सरकार दायित्वपूर्ण कारोबार करने में सुगमता उपलब्ध कराना चाहती है लेकिन प्रदूषण संबंधी चुनौतियों से निपटने की जरुरत है। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘‘हमें अन्य क्षेत्रों की तरह ही वायु प्रदूषण के क्षेत्र में भी कुछ शोध करने की जरुरत है। इसलिए हमने एक नया वायु प्रदूषण शोध संस्थान स्थापित करने की बात सोची है। यह लोगों तथा सरकार को अतिरिक्त जानकारी देगा जो सुशासन में मदद करेगा।'' 

मंत्री सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो और प्रदूषण नियंत्रण समितियों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसमें इन बोर्डो और समितियों के अध्यक्षों तथा सदस्य सचिवों ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्यों के सुझाव सुनना चाहते हैं। इसलिए हम वायु प्रदूषण, पर्यावरण तथा वन पर अलग से सम्मेलन आयोजित करेंगे।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो की व्यापक भागीदारी का आह्वान करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर प्रत्येक छह महीनों में कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मंत्रालय का जोर अनुपालन व्यवस्था स्थापित करने पर होगा और यह संदेश देने पर होगा कि उल्लंघन महंगा पडेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विनाश के बगैर विकास की अवधारणा, सतत विकास, वायु प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, रेत खनन, नदियों के प्रदूषण और कचरा प्रबंधन पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि इससे समाज में जागरुकता बढ़ेगी।

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