जैसलमेर का किला, अंजता की गुफाएं और डल झील से लेकर बांके बिहारी मंदिर समेत 12 प्रतिष्ठित स्थलों को चमाकाएगा जल शक्ति मंत्रालय

डल झील, बांके बिहारी मंदिर, आगरा का किला, अजंता की गुफाएं, सांची स्तूप, कुंभलगढ़ और जैसलमेर किला, गोलकुंडा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर, रॉक गार्डन और कालीघाट मंदिर आने वाले दिनों में साफ-सफाई और स्वच्छता के मामले अव्वल नजर आएँगे।

Update: 2021-08-02 10:06 GMT

जैसलमेर का किला। फोटो साभार- राजस्थान टूरिज्म

नई दिल्ली। देसी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने, उन्हें बेहतर सुविधाएं देने के लिए के लिए जल शक्ति मंत्रालय देश के 12 प्रतिष्ठित स्थलों को साफ-सफाई और स्वच्छता के इंतजामों से चमकाएगा। इन स्थलों में आगरे का किला, बांके बिहारी मंदिर समेत 8 राज्यों के 12 एतिहासिक और पौराणिक स्थल शामिल हैं।

यूपी के 2 और राजस्थान के 3 स्थल शामिल

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने स्वच्छ आइकॉनिक स्थल उपक्रम के तहत प्रदेश में बांके बिहारी मंदिर और आगरा किला, महाराष्ट्र की अजंता की गुफाएं, मध्य प्रदेश का सांची स्तूप, राजस्थान का कुंभलगढ़ किला, जैसलमेर किला और रामदेवरा (राजस्थान का एक गांव), हैदराबाद स्थित गोलकुंडा फोर्ट, ओडिशा के कोणार्क में स्थित सूर्य मंदिर, चंडीगढ़ का रॉक गार्डन, श्रीनगर की डल झील तथा पश्चिम बंगाल का कालीघाट मंदिर को शामिल किया गया है। आइकॉनिक स्थल को स्वच्छ और साफ सुथरा बनने का ये चौथा चरण है।

हर साल लाखों लोग आते हैं वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौजूद भगवान कृष्ण के करोड़ों भक्तों की आस्था की नगरी वृन्दावन का बांके बिहारी मंदिर आने वाले दिनों में स्वच्छता व साफ—सफाई के पुख्ता इंतजामों से चमचमाएगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन—ग्रामीण के तहत स्वच्छ आइकॉनिक स्थल उपक्रम में जिन स्थलों को चुना है उनमें इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर का नाम भी शामिल है।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश की आइकॉनिक (प्रतिष्ठित) धरोहरों तथा आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को स्वच्छ पर्यटन स्थलों में बदलने की सोच इन स्थलों को चुना गया है। इसका मकसद इन महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और इनके आसपास स्वच्छता और सफाई के मानकों में सुधार कर यहां पहुंचने वाले घरेलू और विदेशी पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और अनुभव प्रदान करना है।

भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों की बात करें तो पर्यटन मंत्रालय से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के जनवरी से नवंबर महीनों के बीच विदेशी पर्यटन आगमन (एफटीए ) की संख्या 96,69,633 रही। इस मद में होने वाली विदेशी मुद्रा के आय के आंकड़ों के मुताबिक देश को जनवरी—नवंबर, 2019 के दौरान 1,88,364 करोड़ रुपए की आय हुई जो जनवरी—नवंबर, 2018 में हुई 1,75,407 करोड़ रुपए से 7.4 फीसद ज्यादा थी।

देश के महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक स्थलों को साफ—सफाई व स्वच्छता की दृष्टि से बेहतर बनाकर न केवल इन स्थलों को चमकाया जा सकेगा, बल्कि यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में भी वृद्धि की जा सकेगी।

पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की कोशिश

आगरा के किले की बात की जाए, तो ताजमहल को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या पहले से ही लाखों में है, अब आगरा किले की नई रौनक से यहां पर भी ज्यादा संख्या में सैलानी आएंगे। इसी प्रकार देश के अन्य हिस्सों में चाहे वह श्रीनगर की डल झील हो,ओडिशा का कोणार्क मंदिर हो या राजस्थान के मशहूर किले हों, हर जगह पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की जा सकेगी।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय का पेयजल और स्वच्छता विभाग, स्वच्छता से संबंधित इस योजना का कार्यान्वयन आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और संबंधित राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के सहयोग से कर रहा है।

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