12 बार PM को, 43 बार मंत्रियों-अफसरों को लिखा पत्र, मगर नहीं मिली आंदोलन की जगह

Update: 2018-03-18 16:03 GMT
फोटो साभार: इंटरनेट

किसानों के मुद्दों समेत लोकपाल को लेकर जन आंदोलन कर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे को आंदोलन के लिए जगह तक नहीं दी जा रही है। ऐसे में अब अन्ना हजारे ने जेल सत्याग्रह करने का ऐलान किया है।

नई दिल्ली में 23 मार्च से अन्ना हजारे जन आंदोलन करने की तैयारी में थे। आंदोलन की जगह उपलब्ध कराए जाने के लिए अन्ना हजारे ने पिछले साल नवंबर से 12 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 43 बार केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत दिल्ली पुलिस कमिशनर, दिल्ली नगर निगम को पत्र लिखा, मगर इतने पत्र लिखने के बाद भी किसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

जगह मिलने को लेकर पत्र लिखने के अलावा अन्ना हजारे ने अधिकारियों से मुलाकात भी की, इसके बावजूद उन्हें अब तक जवाब नहीं मिला। इस स्थिति में अब अन्ना हजारे ने 23 मार्च को दिल्ली की जेल में सत्याग्रह आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

पत्रकारों से बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा, “अगर सरकार मुझे विरोध जताने के लिए जगह की अनुमति नहीं देती है तो मैं जेल में सत्याग्रह करने को तैयार हूं। जेल मेरे लिए नई जगह नहीं है। इससे पहले 2011 में भी मैंने ऐसा ही किया था।”

पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

मा. नरेंद्र मोदी जी,

प्रधानमंत्री, भारत सरकार,

साईसीना हिल, नई दिल्ली

विषय- 23 मार्च 2018 से दिल्ली में जन आंदोलन के लिए जगह मिलने के बारे में...

महोदय,

23 मार्च 2018 को दिल्ली में किसानों के प्रश्न, लोकपाल, लोकायुक्त कानून पर अमल, चुनाव सुधार को लेकर जो जन आंदोलन हो रहा है उस आंदोलन के लिए दिल्ली में जगह मिलने के लिए हमने 07 नवम्बर 2017 से लेकर आज तक चार माह से ज्यादा समय में 12 बार पत्राचार किया है। उनमें आपको, गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी को, दिल्ली पोलिस कमिशनर को, दिल्ली नगर निगम (एम.सी.डी) के असिस्टंट डायरेक्टर (हॉर्टीकल्चर) इन सभी सम्बन्धितों को बार-बार पत्र लिखा है। साथ-साथ उनके दफ्तर में प्रत्यक्ष भेंट और चर्चा भी की है, लेकिन अब तक कोई भी जगह नहीं मिल रही है।

आपको याद होगा कि किसानों के प्रश्न, लोकपाल लोकायुक्त और कई जनहित के मुद्दों पर मैंने अब तक आपको 43 बार पत्र लिखे हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया, ना लोकपाल लोकायुक्त के बारे में और किसानों के बारे में कोई कार्रवाई हुई। इसलिए अब मैने संविधान ने दिए अधिकार के मुताबिक आंदोलन करने का निर्णय लिया है। वास्तविक रूप से जनता को संविधान अनुसार शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक मार्ग से आंदोलन करने के लिए जगह देना यह सरकार की जिम्मेदारी है।

ऐसी स्थिति में सरकार के तरफ से जगह के लिए अनुमति नहीं मिल रही है। इसलिए मजबुर हो कर जेल में आंदोलन करना होगा ऐसा लग रहा है। लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है। मैं 30 साल से जनहित, राज्य और राष्ट्रहित के लिए आंदोलन करते आया हूं। लेकिन आज तक कभी हिंसा नहीं होने दी। मेरे जीवन में महात्मा गांधीजी के विचारों का आदर्श है। उस आदर्श को निभाने के लिए सरकार की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। देश के हर प्रदेश से जनता इस आंदोलन में आने वाली है। और ऐसी स्थिति में आंदोलन के लिए जगह ना देने के बारे में आज सरकार का रवैय्या ठीक नहीं है।

कृपया आंदोलन के लिए जल्द से जल्द जगह मिले। इसलिए बिनती है।

धन्यवाद।

भवदीय,

कि. बा. तथा अन्ना हजारे

प्रतिलिपी सूचनार्थ-

1) मा. राजनाथ सिंह जी, गृह मंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली

2) मा. पोलिस कमिश्नर, नई दिल्ली

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