2010 तक ही किसानों की आय दोगुना करना चाहते थे अटल बिहारी वाजपेयी, ग्रामीण भारत को दी कई सौगातें

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का निधन हो गया है।खासतौर पर ग्रामीण भारत में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता

Update: 2018-08-16 12:16 GMT

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है। ९३ साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। पूर्व पीएम की मौत से देश को गहरा आघात लगा है।

देश वाजपेयी को अबतक के सबसे बेहतर प्रधानमंत्रियों में से एक मानता है और देश के लिए उनके द्वारा किए गए कामों को हमेशा याद करता है। खासतौर पर ग्रामीण भारत में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अपने कार्यकाल में उन्होंने रूरल इंडिया के लिए कई ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए जिसने ग्रामीण भारत को नई ऊंचाई दी। उन्होंने रूरल इंडिया के लिए कई योजनाएं लॉन्च की, कई अभूतपूर्व फैसले भी लिए।

प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना

2001 में प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीणों को आवास देने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना (ग्रामीण आवास) लॉन्च की थी। योजना का लक्ष्य था कि सबके पास अपना घर हो। इसके लिए 20 लाख आवास हर साल बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना ने ग्रामीण भारत के आवासीय ढांचे को काफी मजबूती दी।

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संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना

25 सिंतबर 2001 को अटल जी ने इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत ग्रामीण भारत के गरीबों को मजबूत बनाना था। इसके लिए 10000 करोड़ सालाना का बजट भी निर्धारित किया गया था।


योजना के लाभार्थियों को प्रतिदिन की मजदूरी के हिसाब 40 रुपए या 8 किलो गेहूं दिया जाता था। यह योजना अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और गरीब बच्चों के माता-पिता के लिए थी।

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जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया गया था। वाजपेयी का मानना था कि विकास की पहुंच से कोई अछूता नहीं रहने पाए। पहली बार अनुसूचित जनजाती की सूचि की समीक्षा करके 100 से भी अधिक नए समूहों को इसमें जोड़ा गया। आज इस मंत्रालय के तहत आदिवासियों के लिए विभिन्न विकास कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य

अटल बिहारी वाजपेयी 15 अगस्त 2003 को जब लाल किले के प्रचीर से देश को संबोधित कर रहे थे तब पहली बार उन्होंने ही किसानों की आय दोगुना करने की बात कही थी। हालांकि उनका ये लक्ष्य 2010 तक पूरा करने का था। अब मोदी सरकार भी इस प्रयास में लगी है।

आईटी क्षेत्र में क्रांति

गांवों को इंटरनेट से जोड़ने की पहल सबसे पहले वाजपेयी ने ही अपने कार्यकाल के दौरान की थी। इंटरनेट की बहाली के लिए उन्होंने आईटी नीतियों में बदलाव किया था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश को नई टेलीकॉम नीति दी गई थी। इस टेलीकॉम नीति के आने के बाद देश दूरसंचार क्रांति का आगाज हुआ था।


आज उनकी इस नीति के चलते ही देश में दूरसंचार उद्योग फल-फूल रहा है। उनकी सरकार में कंप्यूटर के क्षेत्र में लाखों नौजवानों को रोजगार मिला था और सॉफ्टवेयर का निर्यात 8000 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 50000 करोड़ रुपए हो गया था।

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देश की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना

अंत्योदय अन्न योजना भी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुई थी। इसके अंतर्गत देश के अत्यंत गरीब डेढ़ करोड़ परिवारों के लिए 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल के अंतर्गत हर महीने 2 रुपए किलो गेहूं और 3 रुपए किलो चावल हर महीने 35 किलो अनाज दिया जा रहा था। इतना सस्ता अनाज पहले कभी नहीं दिया गया। यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना थी। 


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