बिहार में बाढ़ से 70 लाख लोगों का उजड़ा आशियाना, 56 की मौत

Update: 2017-08-16 09:04 GMT
सुरक्षित स्थान पर जाते बाढ़ पीड़ित।   फोटो : आल इंडिया रेडियो के ट्विटर एकाउंट से

पटना। बिहार में भारी बारिश और बाढ़ से 13 जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। अब तक 56 लोगों की मौत हो गई है। नेपाल-बिहार के बॉर्डर एरिया में बीते पांच दिनों से हुई भारी बारिश की वजह से गंगा, कोसी और महानंदा उफान पर हैं। बारिश-बाढ़ की वजह से इन जिलों के 70 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इससे किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है।

बिहार डिजास्टर मैनेजमेंट के एडिशनल सेक्रेटरी अनिरुद्ध कुमार ने बताया, "मंगलवार तक मरने वालों की तादाद 56 हो गई है। इन इलाकों में राहत और बचाव के लिए सरकार ने एडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना को भी उतारा है। एयरफोर्स से भी मदद मांगी गई है।"

कहां कितने लोग मारे गए

- अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि अररिया जिले में 20, किशनगंज में आठ, ईस्ट चम्पारण में तीन, वेस्ट चम्पारण में नौ, दरभंगा में तीन, मधुवनी में तीन, सीतामढ़ी में पांच, माधेपुरा में चार और शिवहर जिले में एक शख्स की मौत हो गई है। हालात को ध्यान में रखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी एरिअल सर्वे किया।

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70 लाख लोग हुए प्रभावित

डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के मुताबिक, बाढ़ और भारी बारिश से 98 ब्लॉक्स और 1070 पंचायतों में हालात खराब हैं। यहां के 70 लाख से ज्यादा लोगों पर इसका असर हुआ है। सोमवार तक 12 जिलों तक ही असर देखा गया था, लेकिन मंगलवार को मुज्जफरपुर भी शामिल हो गया। इस जिले के कई इलाके पानी में डूब गए हैं।

डेढ़ लाख लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान

अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि अब तक 1.61 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इनमें से 85,949 लोगों को अलग-अलग जगहों पर बने 343 कैम्प में रखा गया है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे के अफसर ने बताया कि सोमवार को 33 ट्रेनों को रद्द किया गया।

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नीतीश ने सोमवार को किया था हवाई सर्वेक्षण

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का एरियल सर्वे किया था। उधर, नरेंद्र मोदी ने भी राज्य को हरसंभव मदद देने का वादा किया था। नीतीश कुमार ने कहा था, “नेपाल और बिहार में अत्यधिक बारिश हुई, जिससे फ्लैश फ्लड आई। इस तरह की बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान होता है। मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से बात की थी। केंद्र से राहत व बचाव कार्य में तुरंत सहयोग मिला और एनडीआरएफ की टीम रविवार को ही बचाव कार्य के लिए पहुंच गई। एनडीआरएफ की बाकी टीम आज आई हैं। युद्ध स्तर पर बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत व बचाव कार्य किए जा रहे हैं।”

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कटिहार, अररिया चार जिलों में हालात खराब

बिहार के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में हालात गंभीर हैं। कटिहार जिले में राहत और बचाव के लिए कटिहार और अररिया जिले में आर्मी तैनात की गई है। कटिहार जिले में आर्मी की तीन कंपनियां राहत का काम कर रही हैं। इसके अलावा सुपौल, सहरसा, बगहा, गोपालगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी, खगड़िया, दरभंगा और मधेपुरा समेत कई दूसरे जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं। किशनगंज में एनडीआरएफ की तीन, एसडीआरएफ की एक टीम और सेना का एक कॉलम लगाया गया है। इनके अलावा पूर्णिया में एनडीआरएफ की दो, अररिया में एसडीआरएफ की दो और एनडीआरएफ की एक टीम लगाई गई है।

नदियां खतरे के निशान से ऊपर

पटना में बने फ्लड कंट्रोल रूम के मुताबिक, बिहार की सभी बड़ी नदियों के वाटर लेवल में मंगलवार को भी कमी नहीं देखी गई। कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। अफसर अजय कुमार ने बताया कि मंगलवार सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.15 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो 10 बजे 2.08 लाख क्यूसेक हो गया। वाल्मीकि नगर बैराज में गंडक का जलस्तर सुबह 10 बजे 2.06 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि कोसी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।

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