CBSE 12th Result 2017: क्या है मॉडरेशन पॉलिसी ? एक क्लिक में समझें पूरा मामला

Update: 2017-05-25 19:29 GMT
सीबीएसई का लोगो।

नई दिल्ली। मॉडरेशन पॉलिसी विवाद ने सीबीएसई से पढ़ाई कर रहे 12वीं के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में डाल दिया है। ये विवाद कब तक सुलझेगा इस पर अभी भी संशय है। फिलहाल ये तय है कि सीबीएसई 26 मई तक बोर्ड एग्जाम के नतीजे घोषित नहीं करेगा। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि सीबीएसई को इस साल मॉडरेशन पॉलिसी जारी रखनी होगी। जबकि अब सबकी निगाहें सीबीएसई के अगले कदम पर टिकी हैं।

सभी ये जानना चाहते हैं कि क्या सीबीएसई दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगा या मॉडरेशन पॉलिसी को लागू करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करेगा? इस बाबत जानकारों का कहना है कि इस पॉलिसी से जुड़े फैसले अहम हैं और लाखों विद्यार्थियों का भविष्य दाव पर टिका है।

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अप्रैल में हुई थी बैठक

मॉडरेशन पॉलिसी को लेकर विगत अप्रैल माह में एचआरडी की बैठक हुई थी। इसमें सीबीएसई समेत कई राज्य के दूसरे बोर्ड्स ने भी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया था। सीबीएसई ने भी इसके बाद ही फैसले को लागू करते हुए मॉडरेशन पॉलिसी को समाप्त कर दिया। जबकि इसके समाप्त होने से विद्यार्थियों का अंक प्रतिशत बिगड़ने की बातें सामने आईं और एक अभिभावक और वकील ने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि ये नीति इस साल की परीक्षा के बाद नोटिफिकेशन से बदली गई है, जिससे विद्यार्थियों पर विपरित असर पड़ेगा।

15% तक मिलते हैं ज्यादा मार्क्स

मॉडरेशन पॉलिसी में विद्यार्थियों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं। साथ ही प्रश्न पत्र में अगर कोई सवाल गलत होता है, तब भी स्टूडेंट्स को कुछ अंक मिलते हैं। कई अन्य बोर्ड भी इस पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देते हैं, जिसकी मदद से विद्यार्थियों को अच्छे मार्क्स लाने में काफी मदद मिलती है।

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मुश्किल प्रश्न पत्र के लिए मिलते हैं ग्रेस मार्क्स

प्रत्येक वर्ष होने वाले बोर्ड परीक्षा के लिए सीबीएसई द्वारा तीन प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। इनमें से एक प्रश्न पत्र सबसे कठिन भी होता है। मुश्किल प्रश्न पत्र को लेकर सीबीएसई के पास काफी संख्या में शिकायतें भी आती हैं, जिसकी समीक्षा के लिए रिव्‍यू कमेटी बनाई जाती है। रिव्यू कमेटी को लगता है कि क्वेश्चन पेपर वाकई ज्यादा मुश्किल था, तो इस आधार पर विद्यार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं।

हाईकोर्ट ने कहा खेल शुरू होने के बाद नहीं बदलते नियम

मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह मॉडरेशन पॉलिसी को समाप्त करने के फैसले को इसी साल से लागू नहीं करे। कोर्ट ने कहा 'सीबीएसई ने विद्यार्थियों के परीक्षा दे चुकने के बाद इस पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है, जो उनके भविष्य को पूरी तरह से बदल सकता है। खेल के शुरू होने के बाद नियम तो नहीं बदला जा सकता।”

सरकार ने बधाई आस

इस मामले में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीबीएसई रिजल्ट डेट्स का जल्द ऐलान करेगी। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

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वहीं इस पूरे मामले में संदेह इसलिए भी है कि सीबीएसई ने अब तक चुप्पी साध रखी है। 12वीं का परिणाम रुकेगा या नहीं इससे और भी संशय गहरा गया है। परिणाम देर से जारी होने की वजह से ऐडमिशन कैलेंडर पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है।

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