ईरान का चाबहार बंदरगाह आज होगा शुरू, उद्घाटन के पहले सुषमा ने किया दौरा  

Update: 2017-12-03 09:40 GMT
चाबहार बंदरगाह के उद्घाटन के पहले सुषमा ने किया तेहरान का दौरा  

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रूस से लौटते वक्त शनिवार को तेहरान में रुकीं और अपने ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के साथ दोपहर के भोजन पर आपसी हितों के मुद्दे पर वार्ता की। उनकी यह यात्रा पहले से निर्धारित नहीं थी।

विदेश मंत्री ने अपने ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के साथ तेहरान में दोपहर को भोजन पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि दोनों मंत्रियों ने आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, 'हमारे पारस्परिक करीबी और सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ईरान के विदेश मंत्री डॉ. जावेद जरीफ के साथ लंच पर मुलाकात की।'

उनका यह दौरा चाबाहार बंदरगाह विकास परियोजना के प्रथम चरण के उद्घाटन से एक दिन पहले हुआ है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी इस बंदरगाह के पहले चरण का रविवार को उद्घाटन करेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग, पोत परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी रविवार के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। सुषमा के शामिल होने की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।

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भारत के लिए चाहबार के मायने

इस परियोजना के पूरा होने से भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही भारत मध्य एशिया और पूर्वी यूरोप तक सामान भेज सकता है। अब तक भारतीय माल पाकिस्तान के जरिये अफगानिस्तान तक पहुंचता है। चाबहार के खुलने से भारतीय माल को अब पाकिस्तान के रास्ते की बजाए सीधे मध्य एशिया और यूरोप भेजा जा सकेगा। ऐसे में यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान होगा।

स्वराज ने तेहरान में चाबहार परियोजना की समीक्षा की

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रूस के सोची में आयोजित शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ)की बैठक से लौटते वक्त शनिवार को तेहरान में रूकीं। यहां पर उन्होंने दोपहर के भोजन के दौरान आपसी हितों के मुद्दे पर अपने ईरानी समकक्ष डॉ.जावेद जरीफ से वार्ता की। इस दौरान चाबहार परियोजना की भी समीक्षा गई।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया, अपने पारंपरिक करीबी और सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करते हुए स्वराज ने जरीफ के साथ तेहरान में दोपहर के भोजन के दौरान वार्ता की। दोनों पक्षों ने आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

समझा जाता है कि दोनों मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है। एक महीने पहले भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के जरिए समुद्र से अफगानिस्तन को गेहूं की पहली खेप भेजी थी। इसे पाकिस्तान को दरकिनार कर तीनों देशों के बीच महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्ग के संचालन का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिति और राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।

वहीं, विदेशमंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, यह तकनीकी ठहराव था और स्वराज का अपने ईरानी समकक्ष से बातचीत पूर्व निर्धारित नहीं थी।

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