चिकित्सकीय लापरवाही से युवक की मौत, तीन लाख रुपए का मुआवजा देगा एम्स

Update: 2018-01-19 18:33 GMT
पश्चिम उत्तर प्रदेश को भी ऐसे ही चिकित्सा संस्थान की जरूरत, जैसा दिल्ली में एम्स। (साभार इंटरनेट)

नयी दिल्ली (भाषा)। देश में इन दिनों चिकित्सकीय लापरवाही के कई मामले सामने आये हैं। ऐसे में ही एक मामले में पिछले दिनों नई दिल्ली सरकार ने एक बड़े निजी अस्पताल पर कार्रवाई की थी। और अब देश की शीर्ष चिकित्सा संस्थान ने अपनी लापरवाही को स्वीकार किया है।

डॉक्टरों द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही से 20 साल के एक युवक की मौत मामले में देश का शीर्ष चिकित्सा संस्थान एम्स मृतक के परिवार को तीन लाख रुपए का मुआवजा देगा।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस संबंध में की गई सिफारिश को एम्स ने मान लिया है। मृतक के पिता एम्स में ही कर्मचारी हैं। यह मामला अगस्त 2016 का है जब भरत अगारिया नाम के डेंगू पीड़ित एक युवक को एम्स में भर्ती कराया गया था। आईसीयू में भर्ती कराने के बाद युवक की मौत हो गई थी और उसके परिवार ने चिकित्सीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत दी थी।

आयोग ने इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को नोटिस भेजकर चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी थी। मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई और समिति ने संबंधित डॉक्टरों को चिकित्सकीय लापरवाही का दोषी पाया था। आयोग के सहायक रजस्ट्रिार (विधि) द्वारा यहां जारी पत्र के अनुसार, मंत्रालय के अवर सचिव ने उन्हें जानकारी दी है कि एम्स ने परिवार को तीन लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने की आयोग की सिफारिश पर सहमति जताई है।

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