अर्द्धसैन्य बल के दिव्यांग जवानों को मिलेगा 20 लाख रुपये का मुआवजा: गृह मंत्रालय

Update: 2017-06-18 14:28 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली (भाषा)। किसी कार्रवाई में घायल होने के बाद 100 फीसदी तक दिव्यांग होने वाले अर्द्धसैन्य बल के जवानों के लिए अनुग्रह राशि नौ लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि यह बढ़ा हुआ मुआवजा एक जनवरी 2016 को या उसके बाद सेवा में रहते विकलांग होने वाले सभी केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल के जवानों पर लागू होगा।

इसमें कहा गया है, 'सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया गया कि सीएपीएफ और असम राइफल्स के जवान की 100 फीसदी विकलांगता के लिए एक जनवरी 2016 से एकमुश्त अनुग्रह राशि को 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा।' 100 फीसदी से कम विकलांगता के मामलों में मुजावजा राशि को विकलांगता के स्तर के अनुपात में कम किया जा सकता है। गृह मंत्रालय के तहत आठ बलों के करीब 10 लाख जवान आते हैं।

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इनको मिलेगा लाभ

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी), असम राइफल्स (एआर), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ)।

दुर्गम स्थानों पर किया जाता है तैनात

अर्द्धसैन्य बलों को बेहद दुर्गम स्थानों पर तैनात किया जाता है और वे सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ते हैं। इसमें जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ना और पूर्वोत्तर में उग्रवादियों से लड़ना, नक्सल विरोधी अभियानों में हिस्सा लेना और अन्य कानून एवं व्यवस्था की ड्यूटी निभाना शामिल हैं। वे भारत-पाकिस्तान सीमा और चीन-भारत सीमा के उंचे बर्फीले स्थानों पर भी तैनात रहते हैं।

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