अब नहीं रहेगा कटने - छिलने का डर, ये ख़ास जूते पहन रहे किसान

Update: 2018-02-08 16:09 GMT
फार्मिंग बूट को पसंद कर रहे कई राज्यों के किसान।

खेती करने के दौरान किसान नंगे पैर ही खेत पर कीटनाशकों का छिड़काव, फसल की तुड़ाई व खरपतवार नष्ट करने जैसे काम करते हैं। बिना जूता-चप्पल पहने खेतों में काम करने से कांटे लगना, पैर छिल जाना, कैमिकल के संपर्क में आ जाने पर शरीर में जलन होना जैसी परेशानियां तो होती ही हैं, साथ ही सांप व बिच्छू के काटने का डर भी बना रहता है। किसानों को इन खतरों से बचाने के लिए हरियाणा में खास तरह के जूते बनाए जा रहे हैं।

हरियाणा में बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीयल एरिया में हिल्सन फुटवेयर प्राइवेट कंपनी इंडस्ट्रीयल और फार्मिंग बूट बनाने वाली बड़ी फुटवेयर कंपनियों में से एक है। यह कंपनी खास तौर पर किसानों के लिए फार्मिंग बूट बनाती है। कंपनी में खेती के लिए विशेष तौर पर बनाए गए सेफ्टी गमबूट जूतों को कश्मीर, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के किसान खूब पसंद कर रहे हैं।

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फार्मिंग जूतों के बारे में कंपनी के मुख्य प्रबंधक सचिन अग्रवाल बताते हैं,'' हमारी कंपनी इंडस्ट्रीयल और फार्मिंग जूतों के कई डिज़ाइनर मॉडल मार्केट में उतार चुकी है। यह जूते नौ इंच से लेकर 15 इंच की ऊंचाई के हैं और इनका पीवीसी ( पौली विनायल क्लोराइड ) सोलिंग मैटीरियल भी काफी ठोस होता है। इसलिए इन जूतों को पहाड़ों पर खेती करने वाले किसान खरीद रहे हैं।''

फार्मिंक जूते विशेषरूप से वॉटर प्रूफ, कैमिकल प्रूफ और पैरों को ज़्यादा समय तक गर्म बनाए रखने में कारगर होने के साथ साथ काफी किफायती भी हैं,जिसे किसानों आसानी से खरीद भी सकते हैं। इन जूतों की कीमत 300 रूपए से लेकर 500 रुपए तक है।

नौ इंच से लेकर 15 इंच की ऊंचाई वाले इन फार्मिंग जूतों को पहनते हैं किसान। 

'' किसान खेतों में खूब मेहनत करके फसल की अच्छी पैदावार पाने में लगे रहते हैं , इसमें वो अपनी सुरक्षा से जुड़ी बाते भूल जाते हैं और नंगे पैर ही खेत में काम करते रहते हैं। फार्मिंग बूट पहनकर खेती करने से किसान पैरों में लगने वाली चोटों से बच सकते हैं। ये बूट किसानों के पैरों को लंबे समय तक गर्म रखते हैं, इसलिए ये जूते पहाड़ी खेती के लिए ज़्यादा फायदेमंद हैं।'' सचिन अग्रवाल आगे बताते हैं।

देश के बर्फीले इलाकों ( उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर) के अलावा मध्य प्रदेश में धान की खेती और असम में चाय के बगानों में काम करने वाले किसान फार्मिंग गमबूटों को काफी पहले से पहनते आए हैं। हालांकि फार्मिंग बूटों का चलन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों अभी न के बराबर है, बावजूद इसके कि इन राज्यों किसानों की संख्या बहुत ज़्यादा है।

तो, अगली बार आप अपने खेतों में नंगे पैर जाएं , तो अपनी सुरक्षा का खयाल ज़रूर रखिएगा और एक बार फार्मिंग बूट ज़रूर खरीदने की सोचिएगा।

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