अपनी अकल लगाओ, इस ईद पर सोशल मीडिया के बहकावे में मत आओ

सोशल मीडिया पर ऐसा फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार ने ईद के मौके पर 5 दिन की छुट्टियों का ऐलान किया है।

Update: 2018-06-13 08:37 GMT

एक समय था जब लिखे हुए शब्द को लोग सच का पयार्य मानते थे लेकिन आज ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है। खासकर फेसबुक, ट्विटर और व्हट्सऐप पर जो संदेश फॉरवर्ड होते हैं उन पर बिना जांचे-परखे भरोसा करना और उन्हें आगे बढ़ाना मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है। इसी हफ्ते ईद का त्यौहार है लेकिन कुछ भाई लोगों ने इसमें भी फर्जीवाड़े का जुगाड़ कर लिया।

हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसा मैसेज वायरल हो रहा था जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रदेश के गवर्नर ने ईद के मौके पर पांच दिन यानि 12 जून से 16 जून तक सभी संस्थानों में छुट्टियों का ऐलान किया है। इसके सबूत में सरकार के वित्त विभाग की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन की कॉपी भी लगाई गई थी।


इस मैसेज में यह बताने की कोशिश की गई थी कि पश्चिम बंगाल की ममता बर्जी सरकार मुस्लिम परस्त है और ऐसा मुस्लिम वोट बैंक की खातिर किया जा रहा है। बहुत से लोगों ने इस पर भरोसा भी कर लिया। हैरानी की बात है कि राजस्थान के एक आईएएस अफसर संजय दीक्षित ने भी इस पर भरोसा कर लिया। संजय ने 10 जून को न केवल इस तथाकथित सरकारी नोटिस को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया बल्कि पश्चिम बंगाल को "इस्लामिक स्टेट ऑफ वेस्ट बांग्लादेश" कहते हुए कुछ तीखी टिप्पणी भी की।

बाद में जैसे ही पता चला कि कोलकाता पुलिस ने ऐसे फर्जी संदेश फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है तो संजय ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। कोलकाता पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर उस फर्जी नोटिस को शेयर करते हुए इसे झूठा करार दिया है साथ ही कहा है कि जिन लोगों का दिमाग इस अफवाह को फैलाने के पीछे था उनके साथ कानून सख्ती से पेश आएगा।



कोलकाता पुलिस के इस अकांउट पर मध्य प्रदेश के लोगों ने भी इसी तरह का मेसेज वायरल होने की शिकायत की है।



अफवाहों की पोल खोलने वाली वेबसाइट बूम लाइव से बातचीत में पश्चिम बंगाल सरकार के वित्त विभाग के विशेष सचिव डीके महापात्रा ने कहा, " नहीं ऐसा कोई लेटर जारी नहीं हुआ है। हां इसे जिस अफसर के नाम से जारी किया है यानि राजेशखर बंदोपाध्याय, वह जरूरत वित्त विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं।"

अब समझ लीजिए कि अफवाह फैलाने वाले कितने अपडेट हैं कि उन्होंने उस अफसर के नाम से यह फर्जी लेटर जारी किया जो वाकई उसी विभाग में तैनात थे। पर हर बात पर भरोसा करने से पहले यह भी याद रखिए कि यह बेहतरीन फोटोशॉप और विडिया एडिटिंग का युग है। जैसी चाहें वैसी बात आपके मुंह से कहलवाई जा सकती है। वरना याद रखिए अफवाहें फैलाने के जुर्म में आपके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। 

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