Farmers Protest : किसानों ने सरकार के सामने रखे चार एजेंडा, कानून वापस लेने की मांग पर अडिग किसान, आज होगी वार्ता

नई दिल्ली में 34 दिनों बाद भी नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है। किसानों ने अपने चार एजेंडे पर रुख साफ़ करते हुए सरकार के साथ आज छठवें दौर की वार्ता के निमंत्रण को स्वीकार किया है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस वार्ता से पहले बैठक कर किसानों को मनाने की तैयारी की है। ऐसे में सरकार और किसानों के बीच आज होने वाली इस वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है।

Update: 2020-12-30 05:46 GMT
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच छठवीं दौर की वार्ता हो सकती है काफी अहम। फोटो साभार : @BiIndia

नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर सरकार और किसानों के बीच 34 दिनों बाद भी गतिरोध जारी है और अब 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से छठवीं दौर की वार्ता के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए अपने चार एजेंडा को सामने रखा है। सरकार और किसानों के बीच आज होने वाली यह वार्ता काफी अहम साबित हो सकती है।

एक तरफ सरकार को भेजे अपने पत्र में किसान जहाँ नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अडिग हैं, दूसरी ओर किसानों के साथ इस वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की।

ऐसे में ठंड और कोरोना महामारी के बीच दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने के लिए सरकार का रुख भी आज इस वार्ता के बाद साफ़ हो सकता है।

किसानों ने सरकार के सामने रखे ये चार एजेंडे

किसान संयुक्त मोर्चा ने सरकार को छठवीं दौर की वार्ता के लिए भेजे अपने पत्र में चार एजेंडे पर अपना रुख साफ़ किया है। किसानों ने अपनी मांगों में नए कृषि कानूनों को वापस लेने, कृषि वस्तुओं पर MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन अध्यादेश 2020 और विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने की प्रक्रिया शामिल है।  

गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई बैठक

किसानों से छठवीं दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के साथ अहम बैठक की। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को पत्रकारों से कहा था कि हमें किसानों से गतिरोध जल्द ही दूर होने की उम्मीद है। 

किसानों को आंदोलन में आने से रोक रही यूपी पुलिस 

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से किसान आंदोलन में शामिल हुए किसानों ने आरोप लगाया है कि उन्हें किसान आंदोलन में आने से रोका जा रहा है। नई दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर जब 'गाँव कनेक्शन' ने यूपी के किसानों से बातचीत की तो एक किसान मोहन लाल ने बताया कि हम किसानों को यूपी पुलिस परेशान कर रही है।

यूपी से पहुंचे एक और किसान परमजीत ने कहा, "दिल्ली आते वक़्त यूपी पुलिस ने हमें रोका और हम लोगों के नाम-नंबर सब नोट किये। हमारे गाँव में भी पुलिस पहुँच रही है और परेशान कर रही है।"

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत से बातचीत में बताया कि यूपी पुलिस किसानों को आंदोलन में शामिल होने से रोकने की कोशिश कर रही है, और अगर ऐसा पुलिस करती है तो हम किसान हर थाने में अपने पशु बाँध देंगे। 

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