बकाये के भुगतान के लिए अब शाहजहांपुर में धरने पर बैठे गन्ना किसान

गन्ना किसान भुगतान न होने से परेशान हैं। प्रदेश सरकार की फटकार के बाद भी मिल मालिक भुगतान नहीं कर रहे

Update: 2019-01-28 14:45 GMT

लखनऊ। शामली के बाद अब शाहजहांपुर में भी गन्ना किसान बकाये को लेकर धरने पर बैठ गये हैं। जिले के मकसूदपुर शुगर मिल पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले रविवार से किसान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल बैठे हैं। 30 तारीख को धरने में किसान वीमए सिंह भी शामिल हो रहे हैं।

हड़ताल के दूसरे दिन किसान नेता अदित चौधरी ने गांव कनेक्शन को बताया "गन्ना किसानों का पिछले साल का 44 करोड़ रुपए बकाया है। दो दिन हो गया लेकिन अभी तक कोई अधिकारी या नेता खबर तक लेने नहीं आया है। 30 जनवरी को धरने में किसान वीएम सिंह भी शामिल होने आ रहे हैं। जब तक किसानों का पिछला और इस साल का पूरा भुगतान नहीं हो जायेगा, तब तक किसानों की भूख हड़ताल जारी रहेगी।"

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आपको बता दें कि शामली में बकाया भुगतान के लिए किसान काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना किसानों का भुगतान हर हाल में 14 दिनों के अंदर हो जायेगा, लेकिन सरकार अपना वादा नहीं निभा रही है। इसी तरह प्रदेश के कई अन्य शुगर मिलों ने भी किसानों के कराड़ों रुपए रोक रखे हैं।

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पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने ही बताया था कि 2017-18 के लिए गन्ना मूल्य 35,463 करोड़ रुपए के सापेक्ष 28,633 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। बाकी 6,830 करोड़ रुपए का भुगतान भी जल्द होगा। प्रदेश सरकार की मानें तो प्रदेश के 44 चीनी मिलों को अब तक 2,619 करोड़ रुपए का सस्ता कर्ज दिया जा चुका है।




 


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शाहजहांपुर में भूख हड़ताल पर बैठे देविंदर सिंह, अमरीश दीक्षित, श्रीकृष्ण वर्मा और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा है कि यदि मिल प्रशासन ने वक्त रहते किसानों का भुगतान नहीं किया तो आगामी परिणाम के लिए मिल प्रशासन और जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। प्रदेश में योगी-मोदी जी ने 14 दिन में भुगतान करने का वायदा किया था लेकिन न किसानों को 14 दिन में भुगतान मिल रहा है और न ही मुख्यमंत्री जी के बार-बार अल्टीमेटम पर कोई कार्रवाई हो रही है।

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