हरियाणा के पशु मेले में अपना जलवा बिखेर रहे स्रमाट, शहंशाह और सुल्तान, करोड़ों में है कीमत

Update: 2017-10-29 14:35 GMT
कुरुक्षेत्र से आया सम्राट पशु मेले मेें बना आकर्षण का केंद्र।                    फोटो: एम एस तरार।

लखनऊ। हरियाणा के झज्जर जिले में चल रही तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती प्रदर्शनी में अपना जलवा बिखरने के लिए एक से बढ़कर एक भैंसे और बाकी जानवर आए हुए है।

पशु मेले में एक से बढ़कर गाय-भैंसे आए हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है।

इस पशु मेले में पानीपत से आए भैंसे शंहशाह, कुरुक्षेत्र के सम्राट और कैथल के सुल्तान को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। मेले में आकर्षण का केंद्र बने भैंसे शहंशाह को पानीपत के डिडवाली गाँव से नरेंद्र सिंह लाए थे। यह भैंसा 15 फुट लंबा और 6 फुट ऊंचा है। यह भैंसा रोजाना 10 लीटर दूध पीता है। शहंशाह रोजाना आधा किलो घी के साथ फल भी खाता है। इस भैंसे को खरीदने के लिए लोग करोंड़ो की कीमत भी लगा चुके है।

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इस प्रदर्शनी में गायें, मुर्राह नस्ल की भैंसें और नागौरी ऊंटों की जोड़ी समेत कई जानवरों ने रैंप पर कैटवॅाक करके बखूबी प्रदर्शन किया। कैटवॉक के लिए 57 पशु पंजीकृत किए गए थे।

कैटवॉक के लिए 57 पशु पंजीकृत किए गए थे।

पशु प्रदर्शनी में करनाल के विर्क घोड़ा फार्म से आया घोड़ा सुल्तान भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना। अब तक सुल्तान की कीमत 51 लाख लग चुकी है। नुकरी नस्ल के इस घोड़े को लोगों ने बहुत पंसद किया।

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हरियाणा के कैथल जिले से करीब 40 किमी. दूर बूढ़ाखेड़ा गाँव से नरेश बेनिवाल अपने भैंसे सुल्तान को लाए थे। सुल्तान से साल भर में 30 से 35 हज़ार सीमन की डोज तैयार होता है जो 300 रुपए प्रति डोज में बेचा जाता है। यह भैंसा रोजाना 10 किलो सेब, 10 किलो दूध, 35 किलो हरा और सूखा चारा खाता है।

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