पति-पत्नी के झगड़े की जड़ पति का खुद को कायनात का सितारा समझ लेना है : जावेद अख्तर

Update: 2017-12-10 14:18 GMT
मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर

नई दिल्ली (भाषा)। पति-पत्नी में झगड़े होना आम बात है लेकिन मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर इसे पति पर हावी पुरुषवादी सोच को मानते हैं।

यहां उर्दू जबान के उत्सव जश्न-ए-रेख्ता में शामिल होने आए अख्तर ने कुछ इश्क किया, कुछ काम किया सत्र में कहा, ''पति-पत्नी के बीच सारे झगड़े की जड़ पति की वह सोच है जिसमें वह अपने आप को सारी कायनात (ब्रह्मांड) का सितारा समझ लेता है। सारे लोग उसके आस-पास बाकी ग्रहों की तरह चक्कर लगा रहे होते हैं। पत्नी भी उसके लिए एक ग्रह है जो उसकी देखभाल करने के लिए उसके आस-पास चक्कर लगा रही है।''

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उन्होंने कहा कि यदि पति यह समझे कि उसकी पत्नी का भी जीने का हक है, उसकी कोई इच्छा है तो कोई फसाद हो ही नहीं। एक-दूसरे का सम्मान करना और ख्याल रखना अपनी जगह है लेकिन जीने का हक वह बुनियादी सवाल है जो ना आप एक-दूसरे से नहीं छीन सकते।

सत्र के दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या आपकी पत्नी शबाना आजमी (मशहूर फिल्म अभिनेत्री) ने कभी कहा है कि आप मशहूर शायर हैं लेकिन आपमें अब्बा (कैफी आजमी) वाली बात नहीं? इसके जवाब में अख्तर ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि वह अब्बा की इतनी बडी प्रशंसक हैं, रही बात तो हमें बुजुर्गों से मुकाबला नहीं करना चाहिए। क्योंकि हम जो भी कर रहे हैं उनके करने के बाद कर रहे हैं। और यदि हम उनसे कुछ अच्छा भी कर रहे हैं तो उनके किए को पढ़कर-समझकर कर रहे हैं। फिर यदि हम भी वही कर रहे हैं तो नया क्या कर रहे हैं?

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अपने और शबाना के एक संस्मरण को सुनाते हुए उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ''एक बार हम दोनों से एक साक्षात्कार में शबाना से पूछा गया कि मैं इतने प्रेमगीत लिखता हूं तो क्या मैं इतना रोमांटिक हूं। तो शबाना ने कहा कि मेरे अंदर रोमांस की एक हड्डी भी नहीं है। इस पर मैंने जवाब दिया कि जो लोग सर्कस में काम करते हैं वह घर पर उल्टे थोड़े लटकते हैं।

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