कर्नाटक दो मंडियों में स्थापित करेगी ई-नाम मंच

Update: 2019-01-28 13:42 GMT

नई दिल्ली। कृषि उत्पादों में ई-ट्रेडिंग शुरू करने वाला पहला राज्य कर्नाटक अब केंद्र द्वारा बनाए गए उन्नत मंच ई-नाम को स्थापित करने के लिए तैयार है।

कर्नाटक की थोक मंडियों में 2014-15 में शुरू हुई ऑनलाइन ट्रेडिंग को कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) कहा जाता है। यह सेवा राष्ट्रीय ई-बाजार सेवा (आरईएमएस) के माध्यम से शुरू हुई थी। यह एनसीडीईएक्स स्पॉट एक्सचेंज और राज्य सरकार का संयुक्त उद्यम है। इसके जरिए राज्य की 162 मंडियां जुड़ी हुई हैं।

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2016 में इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पहल की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य देश की सभी कृषि उपज मंडियों को आपस में जोड़ना और एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक हाजिर बाजार स्थापित करना है।

अभी देशभर के 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश की 585 मंडियों में ई-नाम से व्यापार करने की सुविधा है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव (विपणन) प्रशांत कुमार ने बताया, "बहुत समझाने-बुझाने के बाद, कर्नाटक सरकार दो मंडियों में ई-नाम मंच स्थापित करने पर राजी हुई है। इनमें से एक मंडी गुलबर्ग में छिनछोली तालुक है। हमने इसकी मंजूरी दे दी है।"

उन्होंने कहा कि यहां करीब 164 कृषि उपज मंडियां हैं, जिनमें से 162 मंडियां आरईएएमएस के जरिए जुड़ी हुई है और बाकी की दो मंडियां ई-नाम नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए राजी हुई हैं। 

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