कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पर गहराया संकट, 11 विधायकों ने सौंपा इस्तीफा

Update: 2019-07-06 08:33 GMT

लखनऊ। कर्नाटक में जद (एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर संकट बढ़ता जा रहा है। कुमारस्वामी सरकार को एक और झटका देते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन के 11 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार अपने कार्यालय में नहीं थे, जब विधायक अपना इस्तीफा देने के लिए वहां गए थे। बाद में, कुमार ने बताया कि 11 विधायकों ने उनके कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने कहा, उनमें से 11 ने इस्तीफा पत्र दिया है। मैंने अधिकारियों को पत्र लेने और पावती जारी करने के लिए कहा था। कल कार्यालय बंद रहेगा... सोमवार को मेरा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है, इसलिए मंगलवार को मैं कार्यालय जाऊंगा और नियमों के अनुसार, आगे की कार्रवाई करूंगा।

सरकार के भवि‍ष्य को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, इंतजार कीजिए और देखिए, मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना। उन्होंने कहा, सरकार गिर जाएगी या बच जाएगी, यह विधानसभा में तय होगा। जिन विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में देखा गया, उनमें कांग्रेस के रमेश जारकीहोली (गोकक), प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), शिवराम हेब्बार (येलापुर), महेश कुमाथल्ली (अथानी), बीसी पाटिल (हिरेकेरुर), बिरातिबासवराज (के आर पुरम), एस टी सोमा शेखर (यशवंतपुर) और रामलिंग रेड्डी (बीटीएम लेआउट) शामिल हैं।

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जद (एस) के विधायक ए एच वि‍श्वनाथ (हुंसुर) हैं, नारायण गौड़ा (केआर पेट) और गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं। एएच वि‍श्वनाथ ने हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। बाद में, विधायक राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने राजभवन गए। अंतिम प्रयास के तौर पर, कांग्रेस के संकट मोचक और मंत्री डी के शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की।

224 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन का संख्या बल स्पीकर के अलावा 118 (कांग्रेस-78, जद(एस)-37, बसपा-1 और नि‍र्दलीय-2) है। इसमें वे विधायक भी शामिल हैं जि‍न्होंने इस्तीफा दे दिया है, चूंकि उनके इस्तीफे स्पीकर द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं।

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सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरुरत है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने भाजपा द्वारा सरकार को अस्थिर करने की आशंका जताई थी। गठबंधन में शामिल दोनों दलों ने सि‍र्फ एक-एक सीट जीती थी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की थी। पार्टी ने कर्नाटक की कुल 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। (इनपुट भाषा)

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