पर्यावरण को बचाने के लिए जयपुर की किरण चला रही विशेष मुहिम, लोगों के घर को कर रहीं हरा-भरा
लखनऊ। जयपुर की रहने वाली किरण कौर पर्यावरण को बचाने के लिए एक विशेष मुहिम चला रही हैं। कंक्रीट कल्चर को बदलने के लिए वो घर-घर प्लांटेशन के लिए मोटिवेट कर रही हैं।
ग्रीन किरण नाम से अभियान चला रही किरण अब तक 440 मनीप्लांट के पौधे लोगों को गिफ्ट कर चुकी हैं। किरण ने यह मुहिम पिछले साल छह जून को शुरू की थी। विश्व पर्यावरण दिवस के अगले दिन इस मुहिम को शुरू करने के पीछे मकसद किरण का अपने पिता को श्रद्धांजलि देना था, जिनकी मृत्यु इसी दिन हुई थी।
पेशे से पत्रकार किरण बताती हैं कि जब वह शादी के बाद जयपुर रहने के लिए गईं तो उन्होंने अपने फ्लैट में पौधे लगाने का विचार किया। किरण बताती हैं कि मैंने कुछ पौधे तो खरीद लिए लेकिन उसकी मिट्टी मुझे कहीं आसानी से नहीं मिली। मुझे इसके लिए जयपुर से करीब 20 किमी आगे जाना पड़ा। एक पौधा लगाने के लिए इतनी मशक्कत, तब मन में विचार आया कि हम कंक्रीट कल्चर में इतना ढल चुके हैं कि पौधे लगाने के लिए मिट्टी तक का जुगाड़ नहीं।
पढ़ें ये भी: विश्व पर्यावरण दिवस: पर्यावरण से छेड़छाड़ के बिना ही मिलने लगा पानी
इस लिहाज से मैंने इस मुहिम को शुरू किया जिसमें मेरे पति और दोस्तों ने खूब साथ दिया। मैंने यूट्यूब से देखकर मनी प्लांट को उगाया, मनीप्लांट इसलिए क्योंकि यह पानी में भी लग जाता है और कटिंग करके इसकी संख्या में इजाफा किया जा सकता है। इसके बाद जब मेरे पास कई सारे मनीप्लांट तैयार हो गए तो मैंने सबको स्पेशल ओकेशन पर एक मनीप्लांट गिफ्ट करना शुरू कर दिया। शुरुआत में लक्ष्य 100 पौधों का था जो सितंबर में ही पूरा हो गया था।
किरण अब तक 440 मनीप्लांट गिफ्ट कर चुकी हैं और 1000 का लक्ष्य अब निर्धारित किया है।
फेसबुक पर लोगों के कमेंट से हुए आहत
किरण ने बताया कि किसी भी मुहिम को शुरू करने के लिए मुश्किलें भी झेलनी पड़ती हैं। हमने इसे शुरू तो कर लिया लेकिन पौधे लगाने के लिए बोतलों का जुगाड़ करना था। इस काम में मेरे पति ने काफी मदद की। वह सुबह वॉक पर जाते और कबाड़ की तरह बोतल बीन कर लाते। कभी-कभी कबाड़ी वाले से भी बोतलें खरीदीं। इस दौरान हमें शराब की बोतलें अधिक मिली और मैंने उसमें पौधे लगाने शुरू कर दिए लेकिन सबसे खराब पल तब आया जब लोगों ने फेसबुक पर कमेंट करते हुए पूछा कि तुम दोनों पति-पत्नी कितना शराब पी जाते हो। इसने मुझे आहत किया हालांकि चुप बैठने के बजाय मैंने जवाब देते हुए कहा कि फिलीपींस की एक महिला ग्रेनेट शेल के खोल में सदाबहार के पौधे लगाती है तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वह बम धमाके करती होगी।
पढ़ें ये भी: विश्व पर्यावरण दिवस: लखनऊ की हवा में बढ़ रहा जहर, जानिए कौन सा इलाका है सबसे प्रदूषित?
यूट्यूब चैनल के जरिए कर रहीं मोटिवेट
इसके बाद मुझे मेरे दोस्तों और जाननवालों ने अलग-अलग तरह की बोतलें देना शुरू कर दिया, कभी जैम की तो कभी कैचप और सिरके की बोतल। इस तरह मैंने लोगों की मदद से कई तरह के पौधे लगाए। किरण यूट्यूब पर अपने kkdadhaba चैनल के जरिए लोगों को पौधे लगाने के लिए मोटिवेट कर रही हैं।
10 से 12 दिन में ही बढ़ने लगता है मनीप्लांट
मनीप्लांट को स्टेम की मदद से बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है। चार से पांच दिन में पानी बदलते रहने से 10 से 12 दिन में ही इसमें नए पत्ते आने लग जाते हैं और फिर आप उससे नया पौधा तैयार कर सकते हैं। किरण आगे बताती हैं कि इस मुहिम के जरिए प्लास्टिक की बोतलों में भी मनीप्लांट लगाकर इस मिथक को तोड़ा कि प्लास्टिक के कंटेनर में मनीप्लांट नहीं लगता। बस इसके लिए आपको ध्यान देने की जरूरत है और नियमित रूप से पानी बदलना भी जरूरी है।