बच्चों में भी हो सकती है लिवर की बीमारी, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

लखनऊ निवासी सात साल के बच्चे का किया गया लिवर ट्रांसप्लांट, पिता ने डोनेट किया अपना लिवर

Update: 2019-07-20 11:08 GMT

लखनऊ। आमतौर पर माना जाता है कि अंग प्रत्यारोपण की जरूरत केवल बड़ों को ही पड़ती है, लेकिन ऐसी कुछ बीमारियां बच्चों में भी हो सकती हैं, जिनके कारण उन्हें अंग प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ सकती है। यूपी के लखनऊ निवासी सात साल के अली हम्जा का भी कुछ ऐसा ही मामला है। हम्जा का लिवर खराब था, जिसके बाद उसके पिता ने अपना लिवर देकर अपने बेटे की जान बचाई।

अली हम्जा का ऑपरेशन करने वाले नई दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर शरत वर्मा ने बताया, "अली को जब अस्पताल लाया गया था तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी। वह अंतिम चरण की लिवर की बीमारी से पीड़ित था। इसलिए उसे लिवर ट्रांसप्लान्ट की तत्काल जरूरत थी। जब उसे लाया गया तो वह आधे होश में था और उसके पेट के निचले हिस्से में सूजन थी। वह गंभीर पीलिया से भी पीड़ित था। उसे तुरंत भर्ती किया गया और जांच करने पर पता चला कि उसे आखिरी चरण की लिवर की बीमारी है।"

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सात साल का अली हम्जा जिसका लिवर ट्रांसप्लांट किया गया जो अब पूरी तरह स्वास्थ है।

" उसके माता-पिता किसी भी हाल में अपने बच्चे को बचाना चाहते थे। उसके पिता ने अपना लिवर दान करने का फैसला किया। लेकिन इलाज और सर्जरी का खर्च भर पाना परिवार के लिए संभव नहीं था। इसके लिए हम लोगों ने डोनेशन के लिए विभिन्न दान संगठनों और अपने कई जानने वाले लोगों से संपर्क किया। कुछ ही दिनों में आवश्यक पैसा जमा हो गया, जिसके बाद लड़के का लिवर ट्रांसप्लान्ट किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 7 घंटों का समय लगा। अली अब लखनऊ स्थित मैक्स के लिवर क्लीनक पर नियमित जांच के लिए आता है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।" डॉक्टर शरत वर्मा ने आगे बताया।

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अली हम्जा का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर शरत वर्मा।

ऐसे करें खराब लिवर की पहचान

1- लि‍वर में सूजन आ जाना

2- पेट का अचानक से फूल जाना

3- भूख नहीं लगना

4- खून की उल्टी होना

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अली हम्जा के पिता मो. रेहान ने बताया, " मार्च 2019 में बेटे के पेट में कुछ दर्द हो रहा था। हम लोग उसे लेकर गोमतीनगर स्थिति एक डॉक्टर के पास पहुंचे। जांच के बाद पता चला कि मेरे बेटे का लिवर खराब हो गया है। यह जानकारी मिलते ही मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। हम लोग हताश और निराश हो गए। एक रिश्तेदार के कहने पर अली को लेकर दिल्ली स्थिति मैक्स हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मेरे लिवर का कुछ हिस्सा निकालकर मेरे बेटे की जान बचाई। अब मेरा बेटा स्वास्थ्य है। हमें तो ऐसा लग रहा है कि हमें दूसरी जिंदगी मिल गई है। "

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प्रतीकात्मक तस्वीर    साभार: इंटरनेट

डा. शरत वर्मा ने बताया, " लिवर की बीमारी किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। ज्यादतर मामलों में हेपि‍टाइटिस बी और सी के कारण होती है। इसके साथ ही ज्यादा शराब पीने का सेवन करने भी लिवर खराब हो जाता है। वहीं लिवर की खराबी के पीछे हमारा रहन-सहन और खान-पान भी होता है। बच्चों के मामले में यह आनुवांशिक होता है।" 

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