घर बनाने की मुश्किलें होंगी दूर , एक अक्टूबर से मौरंग और बालू खनन होगा शुरु

Update: 2017-09-22 11:42 GMT
फोटो-गाँव कनेक्शन।

लखनऊ। अवैध खनन में रोक लगने के बाद बालू और मौरंग की उपलब्धता को सुचारु बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से फिर से खनन कार्य शुरू होंगे। ऐसे में एक बार फिर प्रदेश में रीयल स्टेट कारोबार के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद जगी है।

खनन पर रोक लगने से बालू और मोरंग के दाम आसमान छूने लगे थे। मोरंग की कीमत 55 रुपए से बढ़कर 140 रुपए प्रति स्क्वायर फीट हो गई थी। ऐसे में लोगों के लिए घर बनाना भी मुश्किल हो गया था। वहीं मकान बनाने का सपना संजो रखे लोगों के लिए यह अच्छी खबर है।

गोरखपुर के पिपराइच ब्लॉक के रमवापुर निवासी रेत कारोबारी अजय मिश्रा (32 वर्ष) बताते हैं, “इधर कुछ महीनों से धंधा पूरी तरह से खराब हो गया है। पहले दो से तीन ट्राली मोरंग रोज बेच देता था, लेकिन अब तो आधी ट्राली मोरंग बेचने में सप्ताह भर का समय लगता है। खनन से रोक हटने के बाद अब उम्मीद जगी है, एक बार फिर निर्माण कार्य में तेजी आएगी।”

कासगंज के सोरों के गाँव मिर्जापुर निवासी ओम प्रकाश(60 वर्ष) का कहना है, "बालू न मिलने के कारण हमारे मकान का निर्माण कार्य रुका हुआ है। अगर एक अक्टूबर को बालू खनन पर रोक हट जाएगी और दुकानों पर बालू आ जाएगी तो फिर हम अपना मकान बनवाना शुरू करा देंगे।"

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उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक डॉ. बलकार सिंह बताते हैं, “एक अक्टूबर से पूर्व स्वीकृत लगभग 200 खनन परमिट के क्षेत्रों में पुनः खनन कार्य शुरू हो जाने से मौरंग की कमी पूरी हो जाएगी। वर्षाकाल (जुलाई से सितम्बर माह) में खनन कार्य प्रतिबंधित होने के कारण मौरंग की उपलब्धता में कमी आ जाती है।”

इस समय बाजार में निर्माण सामाग्रियों में मौरंग की भारी कमी है। जो मौरंग मध्यप्रदेश से आ रही है, उसके दाम बहुत अधिक हैं। ऐसे में रीएल स्टेट के कारोबारियों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। होलसेल के व्यापारी बहुत कम मौरंग मंगा रहे थे।

एमआई बिल्डर्स प्रा.लिमिटेड के सीनियर सेल्स मैनेजर दिवेंद्र सिंह बताते हैं, “खनन पर रोक लगने से रियल स्टेट कारोबार में काफी मंदी आ गई थी। अब खनन से रोक हट रही है तो उम्मीद है काम रफ्तार पकड़ेगा। हमारे कई साइट पर काम रुके थे, जिनके शुरू होने की संभावना है।“

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प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। तीन अक्टूबर से टेंडर की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी। नवंबर से बालू/मोरंग के कुछ पट्टे स्वीकृत हो जाएंगे। मौरंग एवं अन्य उप खनिजों के खनन योजना तत्काल स्वीकृत होने के लिए भूतत्व निदेशालय द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं। पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण (एसईआईएए) के गठन की कार्यवाही भी की जा रही है। पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र जल्द ही नियमानुसार दिए जाएंगे।

प्रदेश में बालू एवं मौरंग की उपलब्धता को सुचारू बनाएं रखने के लिए एक अक्टूबर से फिर से खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा। खनन से रोक हटने के बाद मकान निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
- डॉ. बलकार सिंह, निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, यूपी

खनन पर रोक लगने से इस मोरंग की मार केवल बिल्डिंग बनवाने वालों पर ही नहीं पड़ी, बल्कि इससे संबंधित रखने वाले ट्रेडर्स, मिस्त्रियों, श्रमिकों और इस व्यवसाय से जुड़े अन्य व्यक्तियों पर भी पड़ी। खनन पर रोक हटने पर जौनपुर के गोधना गाँव के जिला पंचायत सदस्य भानु प्रताप सिंह का कहना है,“ मैंने अपना मकान का निर्माण बन्द करा दिया था। खनन पर रोक हटने से बालू की उपलब्ध होने से सहूलियत मिलेगी। अब अगले महीने से काम शुरू कराऊंगा।”

गोरखपुर के पिपराइच ब्लाक के गाँव रक्षवापार निवासी वशिष्ठ (55 वर्ष) ने बताया,“ मोरंग का दाम इतना अधिक हो गया था कि लेकिन मकान बनवाने की योजना धरी की धरी रह गई। अब शायद बालू और मौरंग के दाम में कुछ कमी आए तो घर बनवाया जाए।”

वहीं जौनपुर के मछली शहर के बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर हनुमन्त पाण्डेय (40 वर्ष) का कहना है,“ खनन पर रोक लगने से दुकानदारी ठप्प हो गयी थी, ग्राहक वापस लौट रहे थे। अब कुछ उम्मीद जगी है। ”

नियमों में किया गया संशोधन

विभाग के निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने आगे बताया, “जनहित कार्यों के लिए उपखनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमों में संशोधन भी किया गया है। इसके अतंर्गत सरकारी उपक्रमों को खनिज क्षेत्र आवंटित किए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग एवं डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर, कॉरपोरेशन आदि को भी खनन क्षेत्र उनकी आवश्यकता के अनुसार आवंटित करने का प्राविधान किया गया है। यूपीडा और एनएचएआई को खनन क्षेत्रों का आवंटन पहले ही किया जा चुका है।“

हर जिले में खनन फाउंडेशन बनाने का फैसला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनटे की पांचवीं बैठक में खनन माफिया पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया था। योगी सरकार ने हर जिले में खनन फाउंडेशन बनाने का फैसला लिया है। विधानसभा चुनाव से पहले जारी भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में कहा गया था, ‘‘अवैध खनन को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सुदृढ़ खनन नीति की रचना की जाएगी और एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर अब तक के अवैध खनन में लिप्त दोषियों को दंडित किया जाएगा।“

वैध से ज्यादा खनन अवैध से

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनटे की पांचवीं बैठक में खनन माफिया पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया था। बांदा के सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर बताते हैं, “जितना खनन वैध तरीके से होता, उससे कई गुना ज्यादा अवैध तरीकों से होता रहा है। सरकार को एक नंबर से ही 500 करोड़ का राजस्व पिछली बार मिला था। पत्थर से ज्यादा घालमेल मौरंग में होता है। केन और बेतवा नदियों में नियमों को ताक पर रखकर दोहन होता रहा है।”

अब छह माह नहीं पांच साल की सजा

उत्तर प्रदेश में अब अवैध खनन का दोषी पाए जाने पर पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा। इसके अलावा इस मामले में अब सजा की अवधि भी बढ़ा दी गई है। ऐसे मामले के दोषियों की सजा छह माह से बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है। योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश खनिज (परिहार) (42वां संशोधन) नियमावली, 2017 को मंजूरी दे दी है। नई व्यवस्था के तहत प्रति हेक्टेयर अवैध खनन पर 25 हजार रुपए के जुर्माने की राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी गई है। इसी तरह छह माह के सजा के प्रावधान को बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है।

इस तरह बढ़े दाम

पहले

मौरंग- 50 से 60 रुपए स्क्वायर फीट

बालू- 30 से 40 रुपए स्क्वायर फीट

ईंट- 5000 रुपए प्रति हजार

गिट्टी बड़ी- 30 से 25 रुपए प्रति स्क्वायर फीट

गिट्टी छोटी- 25 से 30 रुपये स्क्वायर फीट

सितंबर में दाम

मौरंग- 130 से 140 रुपए प्रति स्क्वायर फीट

बालू- 70 से 80 रुपए स्क्वायर फीट

ईंट - 6000 रुपए प्रति हजार

गिट्टी बड़ी- 50 से 60 रुपए स्क्वायर फीट

छोटी गिट्टी- 35 से 40 रुपए स्क्वायर फीट

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