वर्ष 2020 तक एक ऐसा झारखंड बनाना है, जहां एक भी गरीब परिवार न रहे : रघुबर दास
झारखंड (रांची)। भारत सरकार ने पूरे देश में सुखी एवं समृद्ध समाज के निर्माण के लिए 14 अप्रैल से 5 मई 2018 तक ग्राम स्वराज अभियान चलाया। रांची में शनिवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं कौशल विकास और उद्यमिता के साझा प्रयास से आजीविका एवं कौशल विकास मेला का आयोजन करके इस अभियान का समापन किया गया।
आजीविका एवं कौशल विकास मेला में देश के अलग-अलग राज्यों से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण ले सफल हो चुके युवाओं ने अपने अनुभव साझा किए।
इस मेले में शामिल हुईं बिहार राज्य के खगरिया जिले की अमृता देवी (28 वर्ष) खुश होकर बताती हैं, “गरीबी की वजह से मेरी शादी मेरे माँ-बाप ने 16 साल में कर दी थी। ससुराल में एक एकड़ जमीन थी, पति उसी में खेती करके पूरे परिवार का खर्चा चलाते थे। आज से 10 साल पहले मैं स्वयं सहायता समूह में जुड़ी और हफ़्ते के दस रुपए जमा करने लगी। कुछ दिनों बाद 25 हजार रुपए लोन लेकर खेती लीज पर करना शुरू कर दी।” अमृता ने मेहनत से खेती की और एक साल में लोन चुका दिया। जब भी इन्हें जरूरत पड़ती ये समूह से कम ब्याज दर पर कर्ज लेती हैं और जैसे ही आमदनी होती है उसे चुका देती हैं।
कभी घर की चारदीवारी में रहने वाली अमृता आज फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी की कोषाध्यक्ष हैं। अमृता की तरह इस मेले में 10 राज्यों की महिलाओं ने अपना अनुभव साझा किया। जो महिला कभी शौचालय साफ़ करती थी, आज वही महिला स्वयं सहायता समूह में बचत करके अपने बेटे को एमबीए करा रही है। तो कोई महिला बैंक सखी बनकर गांव में रहने वाली हर महिला का खाता खुला रही है और सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिला रही है। तो कोई महिला पशु सखी बनकर गांव-गांव जाकर ट्रेनिंग दे रही तो कोई कृषक मित्र बनकर खेती के आधुनिक तौर-तरीकों को समझ रही है और बेहतर उपज ले रही है।
इन महिलाओं के अनुभव सुनकर हजारों की संख्या में बैठी महिलाएं तालियाँ बजाकर इनका हौसलाअफजाई कर रहीं थी।
इस मौके पर इन महिलाओं के ज़ज्बे को सराहते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा, “देश में आर्थिक योगदान में सबसे बड़ा योगदान नारी शक्ति का है। सब्जी उगाने से लेकर बेचने तक के काम में महिलाएं सबसे आगे हैं। मुझे वर्ष 2020 तक एक ऐसा झारखंड बनाना है जहां एक भी गरीब परिवार न रहे और किसी को बीपीएल कार्ड बनाने की जरूरत न पड़े।”
उन्होंने कहा, “मैं एक गरीब परिवार से हूँ, गरीबी को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है। इसलिए मैं नहीं चाहता हमारे राज्य में कोई भी व्यक्ति गरीबी की पीड़ा से गुजरे। आजीविका कौशल विकास मिशन से युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें लगातार सशक्त बनाने का काम कर रहा हूँ।”
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने अपने बेहतर कार्यों की एक प्रदर्शनी भी लगाई थी। इस प्रदर्शनी का भ्रमण कर रहे भारत सरकार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा, “इन महिलाओं ने जो काम किया है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। मजदूरी करके अपनी छोटी-छोटी बचत स्वयं सहायता समूह ये करके इन महिलाओं ने अपने घर की गरीबी को खुद दूर किया है। ये महिलाएं हर किसी के लिए एक उदाहरण हैं।”
कार्यक्रम में अच्छा कार्य करने वाले 10 ग्राम संगठन, 3 ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान एवं दीन दयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत 3 राज्यों का सम्मान किया गया। इसी के साथ 18 नवनिर्मित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संसथान का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया और मधुमक्खी पालन से जुड़े लाभुकों को मधुबाक्स का वितरण किया गया। महिला शक्ति एवं इनकी सफलता की कहानियों पर तैयार तीन पुस्तिकाओं 1-दीनदयाल अंत्योदय योजना –राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन. 2- महिला सशक्तिकरण परियोजना. 3- झारखंड आजीविका मिशन का विमोचन किया गया।
भारत सरकार ने पूरे देश में सुखी एवम समृद्ध समाज के निर्माण के लिए 14 अप्रैल से 5 मई 2018 तक ग्राम स्वराज अभियान चलाया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों तक पहुंचकर रोजगार के अवसर अवगत कराना एवं पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करना था। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के इस विशेष अभियान के तहत विभिन्न मंत्रालयों द्वारा 7 कार्यक्रम क्रियान्वित किए थे।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
- सौभाग्य-प्रधानमंत्री सहज बिजली घर योजना
- उजाला योजना
- प्रधानमंत्री जन-धन योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
- मिशन इन्द्रधनुष