पुलवामा हमले में भागलपुर का जवान शहीद, पत्नी थी गर्भवती
शहीद रतन ठाकुर छोटी बहन की शादी के लिए होली में घर आने वाले थे। पिता जी से बोले थे, 'आप चिंता मत करिए, मैं होली में घर आ रहा हूं, सब अच्छे से हो जाएगा।'
लखनऊ। पुलवामा आतंकी हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में से बिहार के भागलपुर के एक जवान रतन ठाकुर भी हैं। रतन का परिवार मूल रूप से कहलगांव के अमडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला हैं। रतन ठाकुर वर्ष 2013 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। रतन ठाकुर की पत्नी (राजनंदिनी देवी) गर्भवती हैं। उनका चार साल का एक बच्चा कृष्णा ठाकुर भी है।
जब कंपनी कमांडर का फोन आया, तो शरीर शून्य पड़ गया था–
रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन ठाकुर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि दोपहर डेढ़ बजे के करीब रतन का फोन आया था और उसने बताया कि वह श्रीनगर जा रहा है। शाम तक पहुंचकर फिर से बात करेगा। शाम को जब कंपनी कमांडर ने फोन किया और रतन का फोन नंबर (वैकल्पिक नंबर), पत्नी का नाम पूछने लगा तो यह सब सुनकर शरीर शून्य पड़ गया। टीवी जैसे ही चालू किया, हमले की खबर देखकर दिल बैठ गया। "
होली पर घर आने वाले थे, बहन के लिए रिश्ता देखने जाना था–
रतन के मां का निधन 2103 में ही हो गया था। रतन के पिताजी ने बताया कि छोटी बहन की शादी के लिए कुछ दिन पहले ही मुझसे बात हुई थी। रतन ने कहा था, 'आप चिंता मत करिए, मैं होली में आ रहा हूं, सब अच्छे से हो जाएगा। इस बार होली घर पर ही मनाऊंगा।'
'पापा आएंगे, खिलौना लाएंगे'-
जब कृष्णा ठाकुर से पूछा गया कि पापा से बात हुई थी, तो वह बोला, 'हां, पापा ने सबको 'आप' बोलने के लिए कहा है। पापा ने बहुत खिलौने दिए हैं और जब आंएगे तो ढेर सारा खिलौना लाएंगे।'
रामनिरंजन ठाकुर ने कहा, 'पाकिस्तान को अब धूल चटाने का समय आ गया है। इस हालत में भी अगर हमको कोई मौका दे तो हम बम, बारुद लेकर पाकिस्तान में हेलीकॉप्टर से कूद जाएंगे। हमारे शहीद जवानों का बदला जरुर लेना चाहिए। एक बेटे को हमने देश की सुरक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया, अब दूसरे बेटे को भी सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए भेजूंगा।'