'गरीब सवर्णों को मिले 25 फीसदी आरक्षण'

Update: 2018-09-07 09:34 GMT

लखनऊ (भाषा)। एससी/एसटी एक्ट पर मचे हंगामे के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने की पैरवी की। केंद्रीय मंत्री ने लखनऊ में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में अपनी राय वक्त करते हुए कहा, " गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए आरक्षण के दायरे को 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना होगा और इसके लिये सभी दलों को सरकार का साथ देना चाहिये।"

अठावले ने कहा कि उनका मानना है कि गरीब सवर्णों को 25 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित हो जाए तो सभी का भला हो जाएगा । सवर्ण सोचते हैं कि दलितों को आरक्षण मिलता है, मगर उन्हें नहीं दिया जाता । सरकार अगर आरक्षण के दायरे को 75 प्रतिशत तक बढ़ाये तो मुझे लगता है कि सभी को आरक्षण का लाभ मिल जाएगा। सभी दलों को इसके लिये सरकार का साथ देना चाहिये। 

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पदोन्नति में आरक्षण देने पर भी विचार कर सकती है। केन्द्रीय मंत्री ने एससी/एसटी कानून में उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए दोहराया कि अब कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वह सभी पक्षों को बुलाकर बात करेंगे और उन्हें विश्वास दिलाएंगे कि इस कानून का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सवर्णों को कानून में परिवर्तन की मांग करने के बजाय दलितों के प्रति अपनी सोच बदलनी चाहिये।

सवर्ण संगठनों के भारत बंद से यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान में जनजीवन प्रभावित

अठावले ने कहा कि सरकार के कदम के खिलाफ बृहस्पतिवार को भाजपा शासित राज्यों में हुआ "भारत बंद", दरअसल विपक्षी दलों की हरकत थी और सरकार को बदनाम करने के लिये उन्होंने ऐसा किया।

रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया (आरपीआई) के अध्यक्ष अठावले ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की तीन-चार सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए कहा कि वह इस सिलसिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात करेंगे।    

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